‘‘स्वस्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा‘‘ आयोजन के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के पंजीकृत बच्चों के वजन/ऊंचाई की की गयी माप

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अनिल कुमार पटेल।
पोषण अभियान के अन्तर्गत ‘‘5वीं राष्ट्रीय पोषण माह सितम्बर 2022‘‘ के अन्तर्गत बाल विकास विभाग प्रयागराज में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दिनांक 22.09.2022 को ‘‘स्वस्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा‘‘ का आयोजन किया गया, जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्रों के पंजीकृत कुल 477023 बच्चों का वजन/उनकी ऊंचाई का माप किया गया।

स्पर्धा में 0 से 6 वर्ष तक के कुल 328638 बच्चों ने प्रतिभाग किया जिसमें उनके माता-पिता एवं अभिभावक भी सम्मिलित हुए जिनकी संख्या 145446 रही।

कुल 3912 स्पर्धाएं हुंई जिसमें 11719 बच्चे विजयी हुए, जिन्हे आगामी ‘गाॅधी जयन्ती‘ दिनांक 02 अक्टूबर 2022 को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पुरस्कृत किया जायेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी, प्रयागराज, श्री दिनेश सिंह द्वारा अवगत कराया गया स्वस्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा सुपोषित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित किया गया जिसका मुख्य लक्ष्य 0 से 6 वर्ष के आयु के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण के विषय पर समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना, लक्षित आयु वर्ग के बच्चों के डेट संकलित कर एवं चिन्हित कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु विभागीय योजनाओं का संचालन किया जाना है।

पोषण माह सितम्बर 2022 के अन्तर्गत 30 सितम्बर 2022 तक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं जिसमें कन्वर्जन से जुड़े हुए विभागों यथा- स्वास्थ्य, पंचायत, बेशिक शिक्षा, उद्यान एवं कृषि, शहरी/ग्रामीण अजीविका मिशन के साथ-साथ यूनीसेफ एवं अन्य सहयोगी स्वयं सेवी संस्थाओं- रोटरी क्लब आदि का सहयोग एवं भागीदारी लिया जा रहा है।

स्वस्थ्य बालक बालिका स्पर्धा का शुभारम्भ जनपद मुख्यालय के बेलीरोड स्थिति आंगनबाड़ी केन्द्र पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, डाॅ राघवेन्द्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी शहर प्रथम श्रीमती संजिता सिंह एवं लायन्स क्लब के अध्यक्षा श्रीमती अनुरागिनी सिंह, केन्द्र की पोषण पंचायत की अध्यक्षा श्रीमती रोजनील एवं अन्य जन-सामान्य की उपस्थिति में फीता काट कर एवं दीप प्रज्ज्वलित करते हुए किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी बड़ी सरल भाषा में पोषण के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए बताया कि रोजमर्रा मे उपयोग होने वाले पोषक खाद्य पदार्थो जैसे चना-गुड़, चोकर सहित आंटे की रोटी, चोकर का बेसन मिलाकर हलवा, अमरुद, मौसमी फल-फूल एवं सब्जियों मे पोषक तत्वों की चर्चा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ‘‘महंगी खाद्य पदार्थों-डिब्बा बन्द व्यंजनों के पीछे न भाग कर बच्चों को रोटी पराठे एवं स्थानीय खाद्य श्रृंखला को अपने रोजमर्रा मे शामिल करना चाहिए‘‘। इसी प्रकार जनपद के बाल विकास परियोजना मुख्यालयों एवं केन्द्रों पर उक्त स्पर्धा का आयोजन बढ़-चढ़कर किया गया।


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