झारखंड भाजपा की ट्रैक्टर रैली जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास : राजीव रंजन प्रसाद

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डॉ अजय ओझा।

रांची, 11 अगस्त 2022 :किसानों के लिए काला कानून बनाने वाले उनको आन्दोलन जीवि बता कर उनका उपहास उड़ाने वाले 800 से ज्यादा किसानों को शहादत के लिए विवश करने वाले किसानों का रूप धर कर सिर्फ नौटंकी के अलावा कुछ भी नहीं किया, इतिहास गवाह है कि ये उसी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं आजादी के 52 वर्षों तक जिनके वैचारिक मुख्यालय पर तिरंगा नहीं लहराया गया उन्हीं भाजपाईयों के द्वारा आजादी के 75 वें वर्षगांठ के मौके पर पर झारखण्ड के राजधानी रांची की सड़कों पर किसानों का छ्द्म रूप धर कर ट्रैक्टर रैली निकाल कर जनता को दिग्भ्रमित करने के प्रयास के अलावा कुछ भी नहीं है उक्त बातें प्रतिक्रिया स्वरूप झारखण्ड प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने प्रेस बयान जारी कर कही l कॉंग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा को अभिनय कला में महारत हासिल है वो समय समय पर इसका प्रदर्शन करते रहे हैं झारखण्ड का सर्वोच्च सदन व सडकें इसका गवाह रहा है l इन्हें जनता के मुद्दों से कुछ लेना देना नहीं है l

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि इसके ठीक विपरीत मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 5 अगस्त, 2022 को आयोजित आंदोलन ने सामान्‍य जनभावनाओं को पूर्णतया प्रतिबिंबित किया। एक राष्ट्रव्यापी जायज विरोध को ‘काला जादू’ के रूप में कलंकित करने का प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का हताशापूर्ण प्रयास बेतहाशा बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी को नियंत्रित करने में भाजपा सरकार की पूर्ण विफलता के कारण जन्म ले रही असुरक्षा की भावना को उजागर करता है।
काँग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि देश के वास्तविक किसान भी आज अपने गांव गालियों पगडंडियों में आजादी के 75 वें वर्षगांठ की खुशियां काँग्रेस पार्टी के लोगों के साथ गौरव यात्रा निकाल कर मना रहे हैं l उन्होंने कहा कि भारत के लोग चाहे वो किसान हो मजदूर हो छात्र हो नौजवान हो मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का खामियाजा भुगत रहे हैं। वो इस बात का जवाब मांग रहे हैं कि दही, छाछ, पैक किए हुए खाद्यान्न जैसे आवश्यक सामानों पर अत्यधिक करों के कारण भाजपा ने महंगाई क्यों बढ़ाया है, जबकि भाजपा के निर्णयों से एवं सार्वजनिक संपत्ति को मित्र पूंजीपतियों को हस्तांतरित करने और दिशाहीन अग्निपथ योजना की शुरुआत से रोजगार की स्थिति को बद से बदतर हो रही है।


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