आईएसएम धनबाद का उर्जा, खनन तथा पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में नये नये कीर्तिमान स्थापित करने का रहा है इतिहास : राज्यपाल

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डॉ अजय ओझा।

रांची / धनबाद, 13 अगस्त आई०आई०टी० (आई०एस०एम०), धनबाद के 41वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस ने संबोधित करते हुए कहा कि मुझे आई०आई०टी० (आई०एस०एम०), धनबाद के 41वें दीक्षांत समारोह में आप सभी के बीच आकर अपार हर्ष हो रहा है। यह दीक्षांत समारोह उन होनहार युवा विद्यार्थियों के जीवन का एक ऐतिहासिक पल है, जिन्होंने आज उपाधि हासिल की है।

राज्यपाल ने कहा कि सभी पदक विजेता विद्यार्थी विशेष प्रशंसा के पात्र हैं। मैं सभी को उनकी उपलब्धियों के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। साथ ही, शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी मैं हार्दिक बधाई देता हूँ जिनके अथक प्रयास से यह संभव हो सका है।
आज का दिन आप सभी के लिए खुशी एवं उत्साह का दिन है। आप सभी अपनी उपलब्धियों एवं आचरण से अपना, अपने माता-पिता, परिवार, समाज के साथ इस संस्थान का नाम रौशन करेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। इस प्रतिष्ठित संस्थान के दीक्षांत समारोह का साक्षी बनना मेरे लिए हर्ष एवं गौरव की बात है। इस संस्थान का ऊर्जा, खनन और पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित करने का शानदार इतिहास रहा है। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई कि आई०आई०टी० बनने के बाद से संस्थान ने इंजीनियरिंग (अभियांत्रिकी) के अन्य क्षेत्रों में भी असाधारण प्रगति की है।

उन्होंने कहा कि आई०आई०टी० (आई०एस०एम०), धनबाद जैसे संस्थान सिर्फ शिक्षा के केंद्र नहीं हैं, बल्कि ये शोध, इनोवेशन और रचनात्मक विचारों के भी केंद्र हैं, जिनसे राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ मानवता की भलाई की जा सकती है। हमें इनोवेशन और रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। यह संस्थान इनोवेशन और शोध को प्रोत्साहन देने में अग्रणी संस्थान के रूप में जाना जायेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रिय उपाधिधारकों, आपका बौद्धिक निर्माण ऐसे संस्थान में हुआ हैं जिसकी एक समृद्ध विरासत रही है और जिसमें भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने की क्षमता है। यह निर्विवाद सत्य है कि इस प्रतिष्ठित संस्थान के विद्यार्थी विश्व में कहीं भी हों, उन्होंने अपने चुने हुए क्षेत्रों में एक विशिष्ट पहचान बनाकर राज्य और राष्ट्र का मान बढ़ाया है। मुझे खुशी है कि संस्थान न केवल अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से, बल्कि व्यावहारिक परियोजनाओं के जरिये जनजातीय समुदाय को प्रौद्योगिकी से जोड़कर समुदाय को लाभ पहुंचाने की दिशा में प्रयास कर रहा है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि संस्थान अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र के माध्यम से स्थानीय समुदाय को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। मुझे यह भी अवगत कराया गया है कि संस्थान ने जामताड़ा जिले के अनुसूचित जनजाति के लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लक्ष्य के साथ कृषि आधारित उद्यमियों के विकास के लिए कृषि क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित किया है। शिक्षा का लक्ष्य मात्र उपाधि प्राप्ति तक सीमित नहीं है और न ही यह सिर्फ धन प्राप्ति का एक जरिया है। शिक्षा मनुष्य को चरित्रवान बनाने के साथ-साथ जिम्मेदार नागरिक बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।

राज्यपाल ने कहा कि किसी संस्थान की स्‍थापना और संचालन में वहाँ के पूरे समाज का योगदान होता है। इसलिए, शिक्षण संस्थानों को भी चाहिए कि वे पूरे समाज के प्रति अपनी जिम्‍मेदारी निभाएं। समाज सेवा के महत्व को समझना और उसमें सक्रिय होना राष्ट्र-निर्माण के साथ-साथ आत्म-निर्माण के लिए भी जरूरी है। आपको समाज-ऋण को समझते हुए सामाजिक दायित्वों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक परीक्षण का सामंजस्य भी आप लोग संस्थान में पाते हैं, ताकि जब आप यहाँ से जाएँ तो अपने-आप में एक सक्षम नागरिक बनकर उभरें। इसलिए विश्वविद्यालय या संस्थान को शिक्षित समाज की नींव रखने की पाठशाला भी कहा जाता है। शिक्षा एक व्यक्ति के आंतरिक और बाह्य ताकत प्रदान करने का सबसे महत्वपूर्ण यंत्र है।
मैं चाहूँगा कि आपके संस्थान के विद्यार्थी निकट के ग्रामों और बस्‍तियों में लोगों के बीच जाकर वहाँ कुछ समय बिताएं, उनकी समस्‍याओं के समाधान में सहभागी बनें और उनके जीवन-स्तर में सुधार लाने का प्रयास करें। यह इस क्षेत्र को डिजिटल इंडिया और स्वच्छ भारत कार्यक्रमों के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

उन्होंने कहा कि हम सभी अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। प्रत्येक भारतीय में देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपार आत्मविश्वास पैदा करती है। मैं इस अवसर पर अपने समक्ष उपस्थित युवाओं से विभिन्न उद्योगों में मेक-इन-इंडिया पहल में शामिल होने का आग्रह करना चाहता हूँ। आप जॉब क्रिएटर बनने की असीम क्षमता रखते हैं। मुझे विश्वास है कि इस संस्थान के विद्यार्थी आने वाले समय में राज्य के विकास और ‘उन्नत भारत कार्यक्रम’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे। अंत में, मैं आप सब से यही कहना चाहता हूँ कि आपको एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान से उच्च शिक्षा हासिल करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके पास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने एवं खुशहाली को बढ़ावा देने की शक्ति निहित है। सभी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व करने वाले ‘नए भारत’ के सपने को साकार करने के लिए सदा ऊर्जावान होकर, पूरे जोश व संकल्प के साथ कार्य करें। आप अपने करियर में सफल हों, आपकी सफलता देश की सफलता बने, इसी कामना के साथ एक बार पुनः आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
उठो, जागो, सर्वोच्च के लिए प्रयास करो और ज्ञानशील बनो!!
जय हिंद!


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