भगवान सूर्य की तरह चमकेगा रामनंगरी का ऐतिहासिक सूर्यकुंड

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सौरभ सिंह सोमवंशी ।
अयोध्या। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के जन्म के समय सूर्यदेव करीब एक माह तक अयोध्या में ही रुके थे। अब जब उनके वंशज राम की जन्मभूमि पर पांच सदी की तप-तपस्या के बाद जब भव्य मंदिर का निर्माण का कार्य हो रहा है तो इसी आभा में सूर्यदेव का मंदिर भी नए सिरे से प्रकाशित-पुष्पित होने को तैयार है। पौराणिक सूर्यकुंड न केवल दिन-रात चमकने वाली आभा प्राप्त करेगा, बल्कि पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। सरकार ने सूर्य कुंड के नवीनीकरण और अन्य विकास कार्यों के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में 140 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। दरअसल राम मंदिर की तरफ जाने वाली सड़क का चौड़ीकरण भी किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने 300 करोड़ का प्रस्ताव रखा है। वहीं, राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और इसे देखते हुए सरकार ने सार्वजनिक सुविधाओं और मल्टी लेवल पार्किंग के लिए 209.7 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया है।

यह दायित्व अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंपा गया है। भगवान भास्कर के दर्शननगर स्थित सूर्यकुंड के कायाकल्प के लिए डीपीआर( डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) लखनऊ की मशहूर आर्किटेक्ट फर्म स्काईलाइन ने तैयार की है। उसी डीपीआर के आधार पर मंदिर को नए सिरे से सज्जित करने की प्रक्रिया चल रही है। इसकी पुष्टि विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ संजीव कुमार ने की है।

प्राचीन काल में इस स्थल को घोषार्क तीर्थ भी कहा जाता था। माना जाता है कि प्राचीन काल में घोष नामक राजा ने एक बार यहां से गुजरते समय ऋषियों-मुनियों को कुंड में स्नान करते देखा। इसके बाद उन्होंने भी कुंड में स्नान किया। स्नान करते ही राजा का शरीर दिव्य हो गया। मुनियों से स्थान की महिमा जानकर उन्होंने भगवान भास्कर की आराधना की। माना जाता है कि उन्हें सूर्यदेव ने दर्शन भी दिया था और उन्हीं के तेज से प्रतिमा उत्पन्न हुई। राजा घोष ने प्रतिमा की स्थापना की। राजा घोष के बनवाने की वजह से इस स्थान को प्राचीन काल में घोषार्क तीर्थ कहा जाता था। कालांतर में राजा दर्शन सिंह ने इसी स्थान पर कुंड व मंदिर का निर्माण कराया, जिससे उनको व उनके वंशजों एवं अयोध्यावासियों को सूर्यदेव की कृपा सदैव मिलती रहे। उन्हीं के नाम पर इस क्षेत्र का नाम दर्शननगर पड़ा। प्रतिवर्ष भाद्र मास में यहां मेला लगता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

करीब 50 करोड़ रुपये से यहां विपश्यना केंद्र, थीम आधारित बाउंड्री, नवग्रह वाटिका, कुंड के भीतर वाटर फिलटरेशन प्लांट, मंदिर नुमा कैनोपी, म्यूजिक एंड साउंड सिस्टम, सोवेरियर पार्क, वॉकिंग ट्रैक, कैफेटेरिया, प्रसाधन ब्लॉक आदि का निर्माण किया जा रहा है। सूर्यकुंड की पार्किंग भी बेहद खास होगी। कुंड में सोलर पैनल लगाया जाएगा, जिसके नीचे पार्किंग बनाई जाएगी। इसी पैनल से मंदिर परिसर को बिजली की आपूर्ति की जाएगी। योजना के मुताबिक सूर्यकुंड में साइंस पार्क बनाया जाएगा, जिसमें बच्चों को विज्ञान से जुड़ी जानकारियां दी जाएगी। माना जा रहा है कि यह पार्क नक्षत्रशाला की तर्ज पर बनेगा, जिससे बच्चों को ग्रहों आदि की जानकारी दी जा सके। इसके साथ ही चिल्ड्रेन प्ले एरिया भी बनेगा।

बता दें कि इस काम को लेकर डेडलाइन जारी करने के बाद स्थानीय प्रशासन ने निर्माण स्थल का दौरा शुरू कर दिया है। डीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे काम में तेजी लाएं और समय के भीतर उसे पूरा करें।


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