हरदोई:अगले माह से हर माह कि नौ तारीख कों स्वास्थ्य केंद्रों पर होंगी गोद भराई।

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

48 गर्भवतियों की हुई गोद भराई
परिवार नियोजन के साधनों की दी गयी जानकारी।
जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश कुमार तिवारी के निर्देशन में पहली बार गर्भ धारण करने वाली गर्भवती की गोद भराई की गई।
जिला महिला अस्पताल में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. समीर वैश्य ने गर्भवतियों की गोद भराई की और बताया कि पहली बार गर्भधारण करने वाली महिला की तीसरी तिमाही में गोद भराई करने का उद्देश्य उसे मानसिक रूप से प्रसव के बाद अस्थाई गर्भनिरोधक साधन अपनाने के लिए तैयार करना, इसके साथ ही उसे बास्केट ऑफ च्वाइस की जानकारी देते हुए उनकी इच्छानुसार साधन मुहैया कराना जिससे कि महिला को जब भी जरूरत हो तो वह उसका उपयोग कर सके।

इस पहल की शुरुआत उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई(यूपीटीएसयू) के सहयोग से की गयी है | उन्होंने बताया कि हर माह की नौ तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा | इस बार नौ तारीख को होली के अवकाश के कारण 10 तारीख को यह आयोजित हुआ है | इस कार्यक्रम में पहली बार गर्भधारण करने वाली ऐसी गर्भवतियों की गोद भरायी की गई जिनकी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही चल रही है
ब्लॉक शाहाबाद के नसौलीदामर गाँव निवासी गर्भवती क्षमा ने बताया कि यह उनकी पहली गर्भावस्था है और उनका सातवाँ महीना चल रहा है | वह बताती है कि जिला अस्पताल में जांच के साथ- साथ उन्होंने गोद भराई कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया जहाँ उनके आँचल मे फल, फूल और परिवार नियोजन का अस्थायी साधन साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया डाली गई | साथ ही अस्पताल की परामर्शदाता गरिमा ने परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों से सम्बंधित जानकारी भी दीउन्होंने कॉपर टी के बारे में बताया कि यह प्रसव के बाद लगाई जाती है जो कि पूरी तरह से सुरक्षित है और जब बच्चा चाहें तो इसे हटवा भी सकते है। उन्होंने बताया कि दूसरे बच्चे के जन्म क बारे में तीन साल बाद ही सोचें। इससे मेरा और मेरे बच्चे दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इसके अलावा मुझे आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली, माला-एन, त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा और कॉन्डोम के बारे में भी बताया गया। क्षमा बताती है कि वह इन सब के बारे में घर जाकर अपने पति और सास से जरूर बात करेंगी।इसके साथ ही यदि सब ठीक ठाक होता है तो प्रसव के बाद अस्थायी साधन अपनाने का प्रयास जरूर करूंगी।
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी इंद्रभूषण सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी पर कुल 48 ऐसी गर्भवती की गोद भराई की गई जिन्होंने पहली बार गर्भ धारण किया है और जिनका तीसरी तिमाही की गर्भावस्था है।


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