बी०आई०टी० मेसरा के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए राज्यपाल-सह-कुलाधिपति

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डॉ अजय ओझा।

बीआईटी मेसरा झारखंड का सबसे पुराना एवं अग्रणी तकनीकी संस्थान है : राज्यपाल।

रांची, 15 जुलाई। बी०आई०टी० मेसरा के स्थापना दिवस समारोह को संबोधितकरते हुए राज्यपाल-सह-कुलाधिपति रमेश बैस ने कहा कि आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ। इस कार्यक्रम में आप सभी के बीच आकर अपार खुशी हो रही है।

 यह उत्साह व उमंग के साथ आत्म-अवलोकन का भी दिन है कि स्थापना के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में संस्थान कहाँ तक सफलता अर्जित कर पाया है और वे कौन से क्षेत्र हैं जिनमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
 बी०आई०टी० मेसरा राज्य का अग्रणी और सबसे पुराने तकनीकी संस्थानों में से एक है। प्रसन्नता है कि यह संस्थान इंजीनियरिंग शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में गुणात्मक शिक्षा प्रदान के लिए जाना जाता है।
 इस संस्थान के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने देश और समाज के विकास में अच्छा योगदान दिया है। कुछ विद्यार्थियों ने विदेश में रहकर अपने पेशेवर जीवन में सफलताएं भी हासिल की हैं।
 इसने राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूल, किसलय विद्या मंदिर और नवोदय स्कूल जैसे स्कूलों की स्थापना में भूमि और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान की हैं। इसके लिए मैं संस्थान को बधाई देता हूँ।
 संस्थान द्वारा वंचित ग्रामीणों की सेवा के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के साथ एक औषधालय भी संचालित है। मैं चाहूँगा कि यहाँ के विद्यार्थी गाँवों में जाकर वहाँ के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करें और उत्साहित भी करें।
 मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि बी०आई०टी० मेसरा ने समाज कल्याण और उत्थान के लिए काम करने के लिए आसपास के 10 गांवों को गोद लेने के साथ-साथ कई जागरूकता अभियान और सामाजिक कार्य भी किए, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले।
 देश में एक अग्रणी तकनीकी संस्थान के रूप में, बी०आई०टी० मेसरा को देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए और समाज के पथ-प्रदर्शक बनने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान दें।
 जिस प्रकार से आग जलते रहने के लिए कोयले की जरूरत पड़ती है, ठीक उसी प्रकार जीवन में सफल और आगे बढ़ते रहने के प्रति मोटिवेशन होना चाहिए। मेहनत हमेशा रंग लाती है, लेकिन आपको विश्वास होना चाहिए कि मैं किसी भी काम को कर सकता हूँ।
 नदी जब निकलती है तो सागर तक पहुँचने का कोई नक्शा नहीं होता है, नदी बिना नक्शे के सागर तक पहुँच जाती है क्योंकि वह निरंतर आगे बढ़ती रहती है। इसलिए आपको भी सफलता तक पहुँचने के लिए नदी की तरह निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। अगर आप बिना रुके निरंतर बढ़ते रहते हैं, तो सफलता आपको मिलनी ही है।
 ज़िंदगी में जीत और हार तो हमारी सोच बनाती है। शिखर पर पहुँचने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता। सफलता सही समय और सही दशा में ही मिलती है।
 परीक्षा सिर्फ आपके जीवन का एक हिस्सा है, इसे ज़िंदगी न बनायें। परीक्षा में असफल होने पर चिंता करने के बजाय, अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने की कोशिश करें। मेहनत सफलता का ईंधन है, इसलिए मेहनत करना जरूरी है। यदि मेहनत नहीं करोगे, तो सफलता की गाड़ी कभी भी प्लेटफॉर्म से आगे नहीं बढ़ पायेगी।
 सफलता का मूल्य मेहनत है। किसी भी कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के बाद जीतने और हारने का मौका भी आपके हाथों में है। सफलता के लिए विश्वास, विश्वास के लिए दृढ़ संकल्प, संकल्प के लिए शांति और शांति के लिए सृजनशीलता होना जरूरी है। जीवन में सफल होने के लिए आपका जुझारू होना जरूरी है। आप उस पत्थर तोड़ने वाले की तरह बनिए, जो चट्टान पर लगातार वार कर टुकड़े कर देता है।
 अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का उद्देश्य अच्छे नागरिक बनना और उसके बाद व्यक्तिगत एवं पेशेवर जीवन में सफल व्यक्ति बनना होता है। हम बिना अच्छी शिक्षा के अधूरे हैं। सही शिक्षा हमें सही सोचने वाला और सही निर्णय लेने वाला बनाती है। इस प्रतियोगितात्मक दुनिया में शिक्षा मनुष्य की भोजन, कपड़े और आवास के बाद प्रमुख अनिवार्यता बन गई है। शिक्षा व्यक्ति के लिए आंतरिक और बाह्य ताकत प्रदान करने का सबसे महत्वपूर्ण यंत्र है।
 आप लोग इस स्थापना दिवस पर अपनी ऊर्जा एवं लगन से इस संस्थान को नयी ऊंचाई पर ले जाने और शिक्षण एवं शोध के माध्यम से इस क्षेत्र की और देश की समस्याओं का हल निकालने में अपना योगदान देने का संकल्प लें।
 आज इस अवसर पर पूर्ववर्ती विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। मुझे आप सबसे आशा है कि आप जिस किसी क्षेत्र में भी कार्य करते होंगे, उस क्षेत्र में अपने संस्थान का नाम रौशन करेंगे। आपलोग अपनी प्रतिभा और ज्ञान से समाज के विकास में योगदान के लिए सदा सक्रिय रहें।
 एक बार पुनः बी०आई०टी० मेसरा के स्थापना दिवस पर संस्थान से जुड़े सभी सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।


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