घटती सावधानी बढ़ता संक्रमण
भोपाल। अब देश के अधिकांश शहर और गांव खुल चुके हैं । घर से बाहर चहल-पहल बढ़ गई है, जिससे सावधानी और सतर्कता भी कम हो गई हैं । जबकि संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है और 1 दिन में बढ़ने वाले मामलों में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गया है । जबकि सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत छठवें स्थान पर पहुंच गया है । दरअसल, सोमवार से देश में अधिकांश बाजार और माल खुल गए क्योंकि जीवन के लिए जीविका के साधनों का होना जरूरी है इसलिए अनलॉक करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है । जान और जहान दोनों को बचाने की जरूरत है । ऐसे में लंबे लॉक डाउन के दौरान जो सावधानी और सतर्कता की आदत डाली है उसको और बढ़ाना है क्योंकि अब कोरोना के संग ही जीना है । आम जीवन सुचारु रुप से चलें इसके लिए जीविका के साधनों को आगे बढ़ाने के प्रयास जरूरी थे लेकिन साथ ही ध्यान रखना है कि हमें संक्रमण की रफ्तार नहीं बड़ने देना है, जो पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रही है और 1 दिन में लगभग 10,000 मरीज संक्रमित पाए जाने लगे हैं । यह रफ्तार बता रही है की संक्रमण से बचने के तौर-तरीकों और विशेष रूप से शारीरिक दूरी के नियमों के प्रति हम सतर्क और सजग नहीं है । लेकिन यहां यह बात जरूर ध्यान रखना है, यदि संक्रमण की यही रफ्तार बढ़ती रही तो फिर देश में भयावह स्थिति बन जाएगी और फिर कौन बच पाएगा कहा नहीं जा सकता है, इसलिए अब भी समय है की बाजार भले खुल गए हो लेकिन हमें बेलगाम नहीं होना है । सावधानी नहीं घटाना है बल्कि और अधिक बढ़ाना है । बहरहाल काम के सिलसिले में घर से बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति के मन में यह प्रश्न जरूर आ रहा है की आखिर यह कोरोना कब पीछा छोड़ेगा । जहां तक विशेषज्ञों की राय है तो उनका मानना है कि भारत में सितंबर मध्य तक कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल सकती है पूरे देश में अनलॉक इंडिया का दूसरा चरण प्रारंभ हो चुका है अब तक लॉक डाउन के चलते धीरे धीरे मरीज बढ़ते ही जा रहे है । केवल जिन क्षेत्रों में लोगों ने जागरूकता दिखाई सतर्कता और सावधानी से काम लिया और जहां चिकित्सा तंत्र मजबूत था वहां जरूर महामारी को नियंत्रण में रखने की स्थिति बनी अन्यथा पूरे देश में हमारी असली तरक्की का राज इस कोरोना महामारी ने खोल दिया जहां ना इतने अस्पताल है ना पलंग है और ना डॉक्टर है जितने की मरीज संक्रमित होने वाले हैं और कई जगह प्राइवेट अस्पताल है जिस तरह अभी भी हर हाल में मुनाफा कमाने के उद्देश्य काम कर रहे हैं । उनके बारे में कुछ भी कहना उनके लिए कम ही है ।
प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 1 सप्ताह से प्रतिदिन 50 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं यहां तक कि राजभवन में अब तक 12 मरीज मिल चुके हैं जोकि चिंताजनक है । प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमित इंदौर शहर में सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली बार पहुंचे और उन्होंने जिला एवं राज्य स्तर की समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री की इस यात्रा पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि और ना तो बहाना है सांवेर उपचुनाव के लिए इंदौर पहुंचे हैं नाथ ने कहा कि 77 दिन बाद इंदौर की सुध लेने की फुर्सत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की है वही पूर्व मंत्री जीतू पटवारी इंदौर आने पर शिवराज सिंह चौहान की सोच और संवेदनाएं अब चुनाव सत्ता कुर्सी मंत्रिमंडल और झूठ तक सीमित रह गई ।
कुल मिलाकर फिलहाल देश महामारी की इस संकट से गुजर रहा है । उसकी गंभीरता का अंदाजा सबको है लेकिन कई बार हम नजर अंदाज कर जाते हैं और उसका खामियाजा हम परिवार और समाज भुगतना पड़ता है । इसलिए जिस तरह से बाजार खुल गए हैं उसी तरह से घर से बाहर निकलते ही हमें दिमाग खुला रखना है और संक्रमण की रफ्तार से दुगनी रफ़्तार सतर्कता और सावधानी जिससे कि हम और महामारी को पराजित कर सके ।
देवदत्त दुबे (ब्यूरो प्रमुख)