धरना किंग केजरीवाल के खिलाफ धरना ओबीसी समुदाय द्वारा

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आदित्य वी सिंह।

ओबीसी समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित करने वाली केजरीवाल सरकार के खिलाफ ओबीसी संघर्ष संयुक्त समिति 5 फरवरी को जंतर-मंतर पर भारी विरोध प्रदर्शन कर रही है। समिति संयोजक सुनील यादव का कहना है कि केजरीवाल सरकार ओबीसी समाज को सिर्फ अपना वोट बैंक मानती है।

नयी दिल्ली ओबीसी समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित करने वाली केजरीवाल सरकार के खिलाफ ओबीसी संघर्ष संयुक्त समिति 5 फरवरी को जंतर-मंतर पर भारी विरोध प्रदर्शन करेगी। नई दिल्ली में कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ओबीसी संघर्ष संयुक्त समिति के संयोजक सुनील यादव ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार पिछले आठ सालों से ओबीसी समुदाय को अपने झूठे वादों का शिकार बना रही है।

ओबीसी समुदाय को केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं से भी वंचित किया जा रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि दिल्ली सरकार ओबीसी का सर्टिफिकेट नहीं बनने दे रही है। उन्होंने आह्वान किया कि 5 फरवरी को दिल्ली में रहने वाले ओबीसी समुदाय के सभी वंचित तबके दिल्ली सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। सुनील यादव ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, यहां देश के अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग जातियों के लोग समय-समय पर रोजगार या अन्य किसी कारण से दिल्ली में आकर बस जाते हैं। दिल्ली की करीब 60 फीसदी आबादी ओबीसी समुदाय की है, लेकिन केजरीवाल ने उन्हें वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने के अलावा कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने घोषणापत्र में लिखा था कि जब उसकी सरकार बनेगी तो वह दिल्ली में रहने वाले ओबीसी समुदाय के लिए 1993 से पहले के इस प्रमाण पत्र की शर्त को हटा देगी और ओबीसी प्रमाण पत्र का सरलीकरण करेगी। सुनील यादव ने कहा कि ओबीसी समुदाय का कोई भी व्यक्ति भले ही 30 साल से रह रहा हो, अगर वह दिल्ली सरकार के पास अपना ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाने जाता है तो उससे 1993 से पहले का निवास प्रमाण पत्र मांगा जाता है क्योंकि वह दिल्ली आया है। 1993 के बाद उसका ओबीसी सर्टिफिकेट नहीं बन सका। उन्होंने कहा कि आज बच्चे ओबीसी जाति में होने के बावजूद ओबीसी का लाभ नहीं उठा पाते हैं। न उनके बच्चों को कालेजों में प्रवेश मिल पाता है, न उनके बच्चों को नौकरी में कोई लाभ मिल पाता है, न बच्चे ओबीसी कोटे से नौकरी में आवेदन कर पाते हैं, न नौकरी में पदोन्नति का कोई लाभ मिल पाता है, जिसके चलते 1993 से अब तक का भविष्य देश के दूसरे राज्यों से आए ओबीसी समुदाय के बच्चों की हालत खराब हो रही है। लेकिन अब ओबीसी समाज इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करने वाला है और इसके खिलाफ 5 फरवरी को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।


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