मत्स्य व्यापारी भुखमरी की कगार पर

Share:

जयति भट्टाचार्य।
कोरोना के कारण किसी भी क्षेत्र में काम करने वाला इंसान परेशान हैै, परिवार का पालन अखिर कैसेे हो। लाॅकडाउन के चलते दुकानें बंद है। व्यापारियों की हालत बेेहद खराब हैै।

प्रयागराज में मछली के व्यापारी और उनसे जुड़े लोगों के अनुसार गर्मी के तीन महीने मछली का व्यापार अच्छा चलता है, इस समय गंगा नदी में मछलियों की मात्रा अधिक होती है। मछली व्यापार से जुड़े लोग मुख्यतः प्रयागराज के बादपुर, महेवा कलां, डेंगुरपुर, उमापुर, नरवर चैकठा, ओनौर, जेरा, बिझौली, टेला, किहुनी, परवा, भभौैरा, मदरा इत्यादि गांव में रहते हैं जो गंगा किनारे हैं।
गर्मी के तीन महीने हर मछुआरा हर रोज करीब एक हजार रूपए की मछली पकड़ता है। वह पूरे वर्ष के लिए इसी समय पैैसे जमा कर लेता है। अन्य शहरों की बड़ी मंडियों तक मछली भेजी जाती है। लेकिन कोरोना की वजह से इस बार धंधा चैपट है। हालात यह हैैं कि टेंगरा मछली जो सामान्यतः 200 रूपए किलोे होती है उसे आज 50 रूपए में भी खरीददार नहीं मिल रहा है।


Share: