मोदी सरकार का एक ही मूल मंत्र नफरत फैलाते जाओ महंगाई बढ़ाते जाओ : सतीश पॉल मुंजनी

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डॉ अजय ओझा।

रांची, 6 जुलाई मोदी सरकार ने एक बार फिर घरेलु सिलेंडर में 50 रूपये का बढ़ोतरी किया है। मोदी सरकार की लुट नीति ने आम आदमी के रसोई गैस का बजट पुरी तरह बिगाड़ कर रख दिया है। महंगाई से तरस्त जनता आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अच्छे दिन के पुराने जूमलों को याद कर रही है। प्रदेश प्रवक्ता सतीश पॉल मुंजनी ने कहा कि केन्द्र सरकार को तंज कस्ते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने आम आदमी के रसोई में ही नहीं जिंदगी में आग लगा दी है। एक तो नौकरी नहीं व्यापार चौपट, आम जन जीविका चलाने के  लिए संघर्षरत हैं उपर से दाल, सब्जी, खाने के तेल से लेकर रसोई गैस तक इतना महंगी किया गया है कि आम जनता त्राहिमाम -त्राहिमाम कर रही है। उन्होंने कहा पिछले 8 वर्षों में बढ़ती अर्थव्यस्था को नष्ट कर दिया। देखते-देखते देश का व्यापार घाटा रिकोड़ स्तर तक पहुंच गया है। डोलर के मुकाबले रूपया गिरते-गिरते निम्न तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि अनाज, मछली, दूध, पनीर, दही, घी, लस्सी, गुड, आटा और शहद पर अब 5 प्रतिशत जीएसटी  लग रही है जो कि पहले जीएसटी से मुक्त थे। केन्द्र सरकार आज गब्बर सिंह टैक्स लगाकर आम आदमी के थाली से निवाला छीनने का काम रही है। चाणक्य ने कहा था जिस देश का राजा व्यापारी होता है उस देश की जनता भिखारी हो जाती है आज ये कथन मोदी जी के राज में चरितार्थ हो रही है। आज भारत मोदी सरकार के गलत नीति के कारण अर्थव्यस्था के हर मोर्चा पर पीछडता जा रहा है। जिसका खामियाज आम जनता भूगत रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार रसोई गैस में दो-तीन रूपया बढ़ाती थी तो भाजपा के नेता, सांसद, विधायक रोड़ में भांगड़ा डॉस करते थे और बढ़ती महंगाई का विरोध करते थे लेकिन आज भाजपा के नेता सड़क पर न दिखाई देते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर या टीवी पर महंगाई के फायदे गिनाते नजर आते हैं इनको आम आदमी की चिंता नहीं है अगर चिंता होती तो इस तरह महंगाई की बढ़ोतरी न करते।


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