राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय, संस्कृति विभाग प्रयागराज में पं० दीनदयाल उपाध्याय जयन्ती समारोह के उपलक्ष्य में एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया

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अनिल कुमार पटेल।

आज दिनांक 25 सितम्बर 2022 को राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय, संस्कृति विभाग प्रयागराज के कार्यालय भवन में पं० दीनदयाल उपाध्याय जयन्ती समारोह के उपलक्ष्य में पुष्पांजलि, एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में उपस्थित अतिथियों एवं कार्यालय के अधिकारी / कर्मचारियों के द्वारा पण्डित के चित्र पर पुष्पार्चन एवं माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं सुप्रसिद्ध कवि विवेक सत्यांशु ने बताया कि पं० दीनदयाल उपाध्याय एकात्म्य मानववाद प्रणेता एवं सम्पोषक थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा दीनदयाल उपाध्याय पर आधारित काव्य पाठ भी किया डॉ० शाकिरा तलत ने प० दीन दयाल उपाध्याय को श्रद्धासुमन अर्पित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री रत्नेश कुमार द्विवेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि पं० जी सादगी के प्रतिमूर्ति एवं अनुशासित रहे। उन्होने अन्त्योदय को केन्द्र में रखकर भारत के विकास की संरचना की थी। इन्होने इस अवसर पर काव्य पाठ भी किया। पाण्डुलिपि अधिकारी श्री गुलाम सरवर ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि आज के इस समय में पण्डित जी की जयन्ती मनाना अति प्रासंगिक है। उन्होंने पं० दीनदयाल उपाध्याय के मार्ग पर चलने हेतु उपस्थित जनों से अनुरोध किया। कार्यक्रम का संचालन श्री हरिश्चन्द्र दुबे ने किया। इस अवसर पर कार्यालय के समस्त कर्मी उपस्थित रहे।


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