न्यूज़ अमेठी:हाथी पाँव से बचाव कों सभी करें दवा का सेवन -सीएमओ

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

जिले में 10 लाख से अधिक लोगों ने खाई फाइलेरिया से बचाव की दवा -27 फरवरी तक चलेगा अभियान।
केस 1- गौरीगंज ब्लॉक के ग्राम छीटे पुर निवासी अजीत ने बताया कि हमारे परिवार में पत्नी व पांच बच्चों सहित 7 लोगों को हाथी पांव यानि फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई है। गांव की आशा कार्यकर्ता के साथ आए अन्य स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि इस दवा के सेवन के बाद हमारे परिवार को कभी फाइलेरिया रोग नहीं होगा।


केस 2- ब्लॉक गौरीगंज के खरावां गांव निवासी राम मिलन ने बताया कि हमारे घर पर आशा कार्यकर्ता ने आकर मां , पत्नी व दो बच्चों की ऊंचाई नाप कर उम्र की जानकारी ली। साथ ही सभी पांच सदस्यों को दवा की खुराक बनाकर अपने सामने सेवन कराया। उन्होंने बताया कि एक साल बाद फिर इस दवा की दूसरी खुराक सेवन करने के बाद हमारे परिवार को फाइलेरिया रोग कभी नहीं होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग का कोई इलाज नहीं है, दवा का सेवन न करने से इस रोग का खतरा हमेशा बना रहेगा।
यह तो सिर्फ दो उदाहरण हैं। जनपद में ऐसे कई मामले हैं जो जागरूक होकर खुद फाइलेरिया की दवा खा रहे हैं साथ ही दूसरों को भी खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विमलेंदु शेखर ने बताया कि एक बार फाइलेरिया रोग हो जाने पर इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन फाइलेरिया से बचाव की दो खुराक दवा साल में एक बार व दो साल में दो बार खाकर हमेशा के लिए इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने लोगों से फाइलेरिया की दवा खाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि इस बार जिन लोगों ने दवा की पहली खुराक खा ली है उन्हें एक साल बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। फाइलेरिया से बचाव की दो खुराक दवा सेवन करने के बाद उस व्यक्ति को जीवन में फाइलेरिया रोग का खतरा नहीं रहेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अंतर्गत चलाए जा रहे आईडीए अभियान कार्यक्रम में 21 लाख 93 हजार 704 की आबादी लक्षित है। इस अभियान में 1760 टीमें दवा खिलाने का काम कर रही हैं। साथ ही इन टीमों की मॉनिटरिंग के लिए 298 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। अभियान के तीन दिन पूरा होने पर जिले के 10 लाख से अधिक लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवाई खिलाई जा चुकी है। दवा खिलाने का यह अभियान 27 फरवरी तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों गर्भवती या गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को यह दवा नहीं खिलानी है। साथ ही दवा खाली पेट नहीं खाना चाहिए।
स्वैच्छिक संस्था पीसीआई से डीएमसी निशांत सिंह ने बताया फाइलेरिया रोग मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है इससे बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें , पूरी बांह की कमीज या ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर के अधिकतम अंग ढके रहे। फाइलेरिया के लक्षण हाथ पैर व अंडकोष में सूजन ठंड लगकर बुखार आना दर्द होना आदि है। यह रोग न हो इसके लिए फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना चाहिए।


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