झारखंड न्यूज़: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने जेपीएससी की सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में चयनित 252 अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र
डॉ अजय ओझा।
जेपीएससी ने 20 वर्षों के इतिहास में पहली बार 251 दिनों में परीक्षा प्रक्रिया पूरी करने का बनाया रिकॉर्ड।
रिजल्ट जारी होने के 38 दिनों के अंदर सफल अभ्यर्थियों को मिला नियुक्ति पत्र।
मुख्यमंत्री ने कहा- ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चे परीक्षा में शामिल होकर अधिकारी बनें, इसलिए परीक्षा शुल्क कम किया।
झारखंड को बीपीएल श्रेणी से निकाल कर अग्रणी राज्य बनाने का लें संकल्प ।
पूर्व की जेपीएससी की तुलना में इस बार 4 गुना ज्यादा अभ्यर्थी थे ।लेकिन, 4 गुना कम समय में परीक्षा पूरी कर बनाया नया कीर्तिमान
वर्षों से खाली पड़े पदों पर भर्ती का शुरू हो चुका है महाअभियान : हेमन्त सोरेन ।
रांची, 9 जुलाई। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से अनुशंसित अभ्यर्थियों के चेहरे उस वक्त खुशी से खिल उठे, जब मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के हाथों उन्हें नियुक्ति पत्र मिला। मुख्यमंत्री ने सभी सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन आपके लिए खुशी और संकल्प लेने का दिन है । आपको नई जिम्मेदारी मिल रही है। हमारा राज्य विकास के क्षेत्र में कैसे अग्रणी बने, इसमें आपकी अहम जिम्मेदारी होगी।
आप सभी राज्य को नई दिशा देने के लिए चुने गए हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिविल सेवा की परीक्षाओं में लाखों परीक्षार्थी शामिल होते हैं ।लेकिन, सफल होने वालों की संख्या बहुत कम होती है। आप उन सफल अभ्यर्थियों में शामिल हैं । आप लंबे समय से जिस पल का इंतजार कर रहे थे वह आ चुका है। आपको नियुक्ति पत्र मिल रहा है, क्योंकि आपको राज्य को नई दिशा देने के लिए चुना गया है।
हम सभी को मिलजुल कर ईमानदारी से प्रयास करना है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के साथ जुड़कर आप अपने कर्तव्य को निभाने के लिए तैयार रहें । युवा अधिकारियों से राज्य की जनता को काफी उम्मीदें हैं ।ऐसे में राज्य को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए हम सभी को मिलजुल कर पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास करना है । मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि हम आपका ख्याल रखेंगे आप हमारे राज्य का ख्याल रखें।
पहली बार नियुक्ति नियमावली बनी, बहाली का सिलसिला शुरु।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य के रूप में झारखंड के बने दो दशक से जादा हो गए। लेकिन, कभी नियुक्ति नियमावली नहीं बन पाई ।हमारी सरकार ने ना सिर्फ नियुक्ति नियमावली बनाई, बल्कि क्रमबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से पूरी तेजी के साथ खाली पदों को भरने का अभियान शुरू कर चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा।
प्रमोशन का भी रास्ता साफ ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अधिकारियों के प्रमोशन का भी मामला लंबे समय से लंबित था। हमारी सरकार अधिकारियों अब प्रमोशन दे रही है । प्रमोशन मिलने से जहां अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा। वहीं, निचले स्तर पर जो पद खाली होंगे, उस पर नई नियुक्ति का रास्ता भी साफ होगा।
रिकॉर्ड समय में पूरी हुई परीक्षा की पूरी प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जेपीएससी की सिविल सेवा परीक्षाओं की प्रक्रिया पूरी होने में हजार -हजार दिन लग जाते थे । लेकिन, हमारी सरकार ने तमाम होने वाली नियुक्तियों को तय समय सीमा में पूरा करने को सुनिश्चित कर रही है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा की तुलना में सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में चार गुना ज्यादा अभ्यर्थी थे। ऐसे में हमने परीक्षा के सफल आयोजन के लिए चार गुना ज्यादा परीक्षा केंद्र बनाया ।सबसे अहम बात है कि पूरी परीक्षा प्रक्रिया पहले की तुलना में चार गुना कम समय (251 दिनों) में पूरा कर एक नया कीर्तिमान बनाया । अब अंतिम परिणाम जारी होने के महज 38 दिनों के अंदर सभी सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है ।
बीपीएल श्रेणी के 32 बच्चे बने अफसर ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में गरीब परिवार के कई अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की सफल हुए हैं। हर्ष की बात बीपीएल श्रेणी के 32 अभ्यर्थियों ने कड़ी मेहनत की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है । यह इस बात का परिचायक है कि जेपीएससी की परीक्षाओं में अब पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता बरती जा रही है।
विकास की जड़ को मजबूत करने का काम कर रही है सरकार ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद झारखंड को नई दशा और दिशा देने के लिए सकारात्मक सोच के साथ पहल नहीं हुई । जिसका खामियाजा हम सभी को भुगतना पड़ रहा है । राज्य के विकास की जड़े खोखली हो चुकी थी। इसे हरा-भरा करने के साथ मजबूत करने की कोशिश लगातार कर रहे है। गरीब राज्यों की श्रेणी से निकलकर झारखंड अग्रणी राज्यों में कैसे शुमार हो , यह हम सभी संकल्प लें।
गरीब बच्चे भी बने अफसर, परीक्षा शुल्क कम किया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन गरीब बच्चों ने कड़ी मेहनत कर अफसर बनने का सपना संजोया है । ज्यादा से ज्यादा गरीब युवा सिविल सेवाओं की परीक्षा में शामिल हो सके। उन पर परीक्षा शुल्क का भारी बोझ नहीं पड़े, इसके लिए सरकार ने आवेदन शुल्क को 600 रूपए से कम कर 100 रुपए और अनुसूचित जाति ओर अनुसूचित जनजाति के लिए परीक्षा शुल्क को 150 रूपए से कम कर 50 रुपया किया गया।
19 सितंबर 2021 को पीटी , 30 अप्रैल 2022 को अंतिम परिणाम ।
झारखंड लोक सेवा आयोग, जेपीएससी ने सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के लिए 8 फरवरी 2021 को अधिसूचना जारी की थी । 252 पदों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 15 फरवरी से 15 मार्च तक चली थी। प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर 2021 को ली गई थी। जबकि, मुख्य परीक्षा इस वर्ष 11-13 मार्च को हुई थी । मेंस का परिणाम 30 अप्रैल को जारी हुआ था ।मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 9 से 16 मई के बीच हुआ था ।अंतिम परिणाम 31 मई को जारी किया गया था ।
11 सेवाओं में 252 पदों पर हुई है नियुक्ति ।
सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के जरिए झारखंड प्रशासनिक सेवा 44,, झारखंड पुलिस सेवा के 40, जिला समादेष्टा के 16, कारा अधीक्षक के दो, सहायक नगर आयुक्त के 65, झारखंड शिक्षा सेवा के 41, अवर निबंधक के 10, सहायक निबंधक -कृषि पशुपालन एवं सहकारिता के 6 , सहायक निदेशक- सामाजिक सुरक्षा के दो, नियोजन पदाधिकारी के नौ और प्रोबेशन पदाधिकारी के 17 पदों पर नियुक्ति हुई है।
समारोह में मंत्री जगरनाथ महतो, सत्यानन्द भोक्ता और श्री बादल ने भी नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके सरकार की सेवा में आने से राज्य के विकास को नई दिशा मिलेगी। जनता की समस्याओं का समाधान होगा । आपसे इस राज्य को काफी उम्मीदें हैं। इस मौके पर प्रभारी मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह ,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक श्री नीरज सिन्हा, कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।