इतनी महंगी गैस कैसे भराये साहब मजबूरी है लकड़ियों से चूल्हा जलाना

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उर्मिला शर्मा ।

हंडिया प्रयागराज। देश मे महिलाओं को खाना बनाने की सुविधा के लिए सरकार भले ही फ्री में गैस सिलेंडर घर घर दे दिया है लेकिन आज भी लकड़ियों और गोबर की उपलियो के सहारे खाना बनाना पड़ रहा है। सरकार कहती है कि गांव में खाना बनाने के लिए फ्री में उज्वला गैस सिलेंडर और चूल्हा वितरित कर दिया गया है लेकिन आज भी खाना लकड़ियों से ही बन रहा है। उतरांव के पुरसोत्तमपुर गांव की महिलाएं आज भी गैस चूल्हा होने के कारण पूरे दिन टहल टहल कर लकड़ियां बीनकर खाना बनाती है। गांव के सत्य बीर सिह बताते है कि साहब गैस इतनी महंगी है कि इसे कौन भराये। गैस तो सरकार फ्री में तो दे दिया लेकिन इस महंगाई में भराने के लिए पैसे नही है। मजबूरी है लकड़ियों से खाना बनाना। उन्होंने बताया गांव में काफी लोगो को फ्री में गैस सिलेंडर मिला लेकिन सब शो पीस बना हुआ है। घर की महिलाएं लडकिया बाहर से बीनकर लाती है तब जाकर घर का चूल्हा जलता है। तब दो वक्त की रोटी नसीब होती है। कोरोना काल मे महंगाई की मार झेल रहे हम गरीब कैसे इतनी महँगी गैस भराये। शुरुआत में सस्ती गैस थी तो कुछ दिन तक भराया गया लेकिन दिन प्रति दिन महंगी हो रही गैस को कहा से भराया जाय।लकड़ियां या गोबर की उपलिया ही सहारा बनी है।


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