न्यूज़ अमेठी:फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के लिए विधार्थियो कों किया गया जागरूक।

Share:

जतिन कुमार चतुर्वेदी

विश्व नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज के अवसर पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

विश्व नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज(एनटीडी) दिवस के अवसर पर फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में स्वयं सेवी संस्था प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई ) के सहयोग से राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ । इसके तहत 10 फरवरी से शुरू होने वाले सामूहिक दवा सेवन (आईडीए) राउंड के तहत फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक किया गया ।

इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर जनित बीमारी है जिसे सामान्यतः हाथीपांव के नाम से जाना जाता है । यदि किसी को यह बीमारी हो जाती है तो वह पूर्णतया ठीक नहीं होती है और समुचित देखरेख के अभाव में व्यक्ति को जीवन भर के लिए विकलांग बना सकती है । फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन ही इसका उपचार है ।
उन्होंने बताया कि आईडीए राउंड के तहत एल्बेंडाजोल , डाईइथाइलकार्बामजीन (डीईसी) आइवरमेक्टिन दवा खिलाई जाएगी । आप स्वयं भी इस दवा का सेवन करें और अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को भी फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के लिए जागरूक करें । एक से दो साल की आयु के बच्चों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई जायेगी ।

पीसीआई के निशान्त सिंह ने कहा कि इस अभियान में दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को दवा का सेवन नहीं कराना है।जिन व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु रहते हैं उन्हें दवा के सेवन के बाद चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी आना, हल्का बुखार आना आदि समस्याएँ हो सकती हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए।इसके बाद भी अगर कोई दिक्कत महसूस हो तो रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) से या निकटतम स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें या पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं ।
इस अभियान में दवा एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर खिलाई जाएगी।स्वास्थ्य कर्मी अपने सामने ही दवा खिलाएंगे । खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है । इस मौके पर समस्त अध्यापक और विद्यालय कर्मचारी उपस्थित रहे ।


Share: