२४ अप्रैल “हर दिन नए चुनौतियों के बीच गाइडलाइन का हर अधिकारी सकती से पालन करे ” योगी आदित्यनाथ

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24 अप्रैल, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जिले में स्वास्थ्य और पुलिस की टीम बनाकर लॉकडाउन को सफल बनाएं। जिलाधिकारी हर जिले में टीम गठित कर उनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी तय करें। उन्होंने कहा कि कोरोना पर काबू पाना है तो तीन चीजों को याद रखें। लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से अनुपालन कराएं। बाहर से जो लोग कोरोना से संक्रमित होकर आए हैं उनके संपर्कों (कांटेक्ट हिस्ट्री) को पता लगाएं और इलाज में जुटे चिकित्साकर्मियों में किसी तरह से संक्रमण न फैले इसे सुनिश्चित कराएं। अगर हम ये तीनों चीजें कर ले गये तो कोरोना पर नियंत्रण भी कर लेंगे। यही तीनों कोरोना के संक्रमण के मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि कोटे की दुकानों पर घटतौली न हो इसके लिए प्रत्येक कोटे की दुकान में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें।

शुक्रवार को अपने आवास पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 जनपदों के बीच संकट के इस समय में अच्छे प्रदर्शन की प्रतिस्पर्धा होना चाहिए। किसी भी जनपद में आवश्यक सामग्री की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनेटाइजेशन और होम डिलीवरी टीमों का आवागमन ही सुनिश्चित किया जाए। मेडिकल इंफेक्शन हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों में 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों और मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने के लाने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में सभी जिलाधिकारी इस बात को सुनिश्चित कर लें कि उन लोगों को 14 दिन क्वारंटीन करने के लिए पूरी व्यवस्थाएं समय से हो जाएं। शेल्टर होम पर कमयुनिटी किचन के सुचारू संचालन के लिए प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में लोग क्वारंटाइन सेंटर से भाग रहे हैं, वहां विशेष ध्यान दिया जाए। हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराएं। किसी तरह की कोई भीड़ एकत्रित नहीं होने देना है। जिलाधिकारी, सीएमओ के साथ जाकर मेडिकल टीम के क्वारंटाइन की व्यवस्था खुद चेक करें। भविष्य में शेल्टर होम कहां-कहां खुलने हैं, इसकी भी व्यवस्था देख लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इमरजेंसी की सेवा बहाल करने वाले अस्पतालों को चिन्हित करें। उनके साथ बैठक कर उनकी ट्रेनिंग कराएं। उनके पास पीपीई किट, मास्क होना चाहिए। शिफ्ट वाइज डॉक्टरों की ड्यूटी लगाएं। अगर किसी भी जिले में एक भी केस होगा तो वहां हमारे लिए लॉकडाउन खोलना मुश्किल हो जाएगा। मंडियों को खुले मैदान में शिफ्ट किया जाए, ताकि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। उन्होंने बैंक, मंडी, सब्जी मंडी आदि जहां भी भीड़ हो रही है, वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा जो भी सीमावर्ती जनपद हैं वहां किसी भी तरह की कोई घुसपैठ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आईटी के सेवाओं में सोशल डिस्टेंसिंग कर कार्य को आगे बढ़ा सकते हैं। बालू, मोरंग, गिट्टी आदि इन सब गतिविधियों को धीरे-धीरे आगे बढ़ा सकते हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरुर होना चाहिए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि अनावश्यक पास कतई न दें। खाद्यान्न वितरण में किसी भी प्रकार का कोई भी भेदभाव नहीं होना चाहिए। हर व्यक्ति को भोजन और राशन दिया जाए। कोई भी भूखा न सोए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रमजान में भीड़ एकत्रित न होने दें। किसी भी प्रकार की नई व्यवस्था देने का प्रयास न करें। 30 जून तक किसी भी जिले में किसी भी प्रकार की पब्लिग गैदरिंग नहीं होनी चाहिए। हर जिले में डीएम शेल्टर होम, भोजन की गुणवत्ता, कम्युनिटी किचन की व्यवस्था का ध्यान रखें। हर जिले में शिक्षा विभाग की एक टीम गठित करें और कोटा से वापस आए छात्र-छात्राओं से बातचीत कर उनका हालचाल जाने। इसके साथ ही जिलाधिकारी जनप्रतिनिधियों से भी टेलीफोन के माध्यम से संवाद करें। हर जिले में लोगों से अपील करें कि अफवाहों को न फैलने दें। सभी जिला अधिकारी शासन द्वारा भेजी गई गाइडलाइन के अनुसार ही निर्णय लें।


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