योगी का सर्विलांस एवं कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग मॉडल हिट
सर्विलांस टीम द्वारा प्रदेश में अब तक 85,85,443 घरों के 4,37,13,029 लोगों का सर्वे किया जा चुका है ।
ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समतियां होम क्वारंटाइन किए गए लोगों पर विशेष नजर बनाए हुए हैं ।
9 जून, लखनऊ। कोरोना से जारी जंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘सर्विलांस और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग मॉडल’ हिट साबित हो रहा है। इसके जरिए प्रदेश सरकार एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण को नियंत्रित कर उसकी चेन को तोड़ने में सफल रही है। वहीं दूसरी तरफ कम्यूनिटी स्प्रेड या ‘कोरोना विस्फोट’ से भी प्रदेश को बचाया है। 23 करोड़ की आबादी, 30 लाख प्रवासी और 7 प्रदेश एवं एक देश से लगती सीमा के बाद भी यूपी देश के अपेक्षाकृत अधिक साधन संपन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र और दिल्ली के सापेक्ष काफी ‘फिट’ है। पूरे प्रदेश में लागू इस मॉडल को समझने के लिए अगर हम सिर्फ झांसी और पीलीभीत के दो मामलों का अध्ययन करें तो यह साफ हो जाता है कि कोरोना युद्ध में योगी सरकार का ‘सर्विलांस और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग मॉडल’ मॉडल काफी कारगर है।
केस-1
जनपद झांसी, तारीख 30 अप्रैल 2020 दोपहर के एक बजे जिला प्रशासन को सूचना मिली कि ओरछा गेट इलाके में पान की दुकान लगाने वाली महिला कमला देवी की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव है। एक्शन में आए जिला प्रशासन ने महिला के क्लोज कॉन्टेक्ट के 6 लोगों का सैम्पल टेस्ट कराया। जिसमें सभी लोग पॉजिटिव मिले। इसके बाद इन सबकी सर्विलांस और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की गई, जिसमें 189 लोग ट्रेस हुए। प्रशासन ने करीबी कॉन्टेक्ट के 23 लोगों को फैसिलिटी क्वारंटाइन और बाकियों को होम क्वारंटाइन कराकर उनके घरों पर पोस्टर लगा दिया। जिससे ओरछा गेट इलाके में कोरोना की चेन टूटी और लोग उपचारित होकर अपने घर जा चुके हैं।
केस-2
जनपद पीलीभीत, तारीख 20 मार्च, जिला प्रशासन तक खबर पहुंची कि सउदी अरब से शफीला और उनका बेटा मेराज उमरा करके जिले के अमरिया गांव में लौटे हैं और उनका टेस्ट नहीं हुआ है। प्रशासन ने बिना देरी किए कुछ घंटे के अंदर मां-बेटो को क्वारंटाइन करते हुए उनका सैम्पल टेस्टिंग के लिए लखनऊ भेज दिया। दो दिन बाद रिपोर्टर पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने इनकी कॉन्टेक्ट हिस्ट्री निकालते हुए क्लोज कॉन्टेक्ट के 35 लोगों को क्वारंटाइन करके सबका सैम्पल टेस्ट के लिए भेज दिया। इसके अलावा सर्विलांस के माध्यम से प्रशासन को पता चला कि सउदी से ये लोग मुंबई आए थे, वहां से यह बांद्रा रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर बरेली आए फिर टैक्सी के जरिए पीलीभीत पहुंचे। जिसकी जानकारी जिला प्रशासन ने मुंबई एयरपोर्ट अथॉरिटी, रेलवे अथॉरिटी और डीएम बरेली को दी। इसके जरिए इनके कॉन्टेक्ट में आए सभी लोगों को ट्रेस कर लिया गया, जिससे कोरोना की चेन को बनने से पहले ही तोड़ दिया गया।
सर्विलांस टीम सबसे मजबूत हथियार
सर्विलांस टीम और ग्राम एवं मोहल्ला निगारीनी समतियां योगी सरकार के ‘कॉन्टैक्ट एवं सर्विलांस मॉडल’ का सबसे मजबूत हथियार साबित हो रही हैं। सर्विलांस टीम द्वारा प्रदेश में अब तक 85,85,443 घरों के 4,37,13,029 लोगों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इसके साथ ही आरोग्य सेतु ऐप से अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा निरन्तर फोन किया जा रहा है। अब तक 67 हजार से ज्यादा लोगों से सम्पर्क किया गया है। इसके अलावा ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समतियां होम क्वारंटाइन किए गए लोगों पर विशेष नजर बनाए हुए हैं। होम क्वारंटाइन किए गए लोग अपने घर में ही रहे इसकी जिम्मेदारी इन्हीं पर है। साथ ही मोहल्ला एवं गांव में आने वाले लोगों की जानकारी प्रशासन को इन्हीं समतियों के माध्यम से प्राप्त हो रही है।