योगी सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपनी बात रखेगा

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सीएए हिंसा : उपद्रवियों के पोस्टर हटाने के मामले में योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में
-राजधानी की सड़कों से फिलहाल नहीं हटेंगे हिंसा करने वालों के पोस्टर
-हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर बनी सहमति, मुख्यमंत्री होली के बाद करेंगे अंतिम निर्णय

लखनऊ, 10 मार्च (हि.स.)। हाई कोर्ट की ओर से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा करने वालों के पोस्टर हटाने के आदेश के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बनाया है। होली के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगी। इसलिए सूत्रों के मुताबिक फिलहाल राजधानी की सड़कों से सीएए हिंसा पर उपद्रवियों के पोस्टर नहीं हटाये जायेंगे।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद राजधानी में सोमवार देर शाम अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस सम्बन्ध में लोकसभवन में उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय और लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में अदालत के रुख को देखते हुए विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। इस दौरान कानूनी पहलुओं को लेकर भी विचार विर्मश हुआ। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों की सहमति सुप्रीम कोर्ट जाने पर बनी है। हालांकि इस बारे में आाधिकारियक रूप से अभी कुछ नहीं कहा जा रहा है। राज्य सरकार के पास कोर्ट के आदेश पर अमल करने के लिए लगभग एक सप्ताह का वक्त है। इसलिए इस संबंध में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के मुताबिक लिया जाएगा। 


सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के होली के मौके पर गोरखपुर में होने के कारण उनके लखनऊ आने पर अंतिम फैसला लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर सकती है। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार अभी हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है। जो भी निर्णय होगा, उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में किया जाएगा। इसके बाद से ही अटकलें लगायी जा रही थीं कि सरकार ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना लिया है। 


इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट सोमवार को अपने आदेश में कहा कि बिना कानूनी उपबंध के हिंसा में हुए नुकसान की वसूली के लिए लखनऊ में कथित आरोपितों का सड़कों पर होर्डिंग्स व फोटो लगाना अवैध है। कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार द्वारा इस तरह के होर्डिंग्स लगाना लोगों की निजता में दखल और संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि 16 मार्च तक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास इस आदेश के संबंध में अनुपालन रिपोर्ट जमा की जाए।


हिन्दुस्थान समाचार/शरद/संजय


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