योगी सरकार ने धर दबोचा यूपी का सबसे बड़ा घोटालेबाज चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा

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संदीप मित्र ।

घोटालेबाज चीफ इंजीनियर की अकूत संपत्ति की जांच करेगी योगी सरकार ।

माया, अखिलेश दोनों सरकारों का चहेता था करोड़ों का घोटालेबाज ।
मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पिछली सरकारों में खुलेआम घूमता रहा अरुण ।

अखिलेश सरकार में सचिवालय से लेकर अफसरों, मंत्रियों घर तक थी पैठ ।

मंत्रियों,अफसरों के घरों पर पार्टी आयोजित करता था घोटालेबाज इंजीनियर ।

2012 में बनी सड़क को कागजों में बना करोड़ों खा गया अरुण मिश्रा ।

नोएडा की ट्रॉनिका सिटी घोटाले का भी मास्टरमाइंड रहा है अरुण मिश्रा ।

अरुण मिश्रा की इंजीनियरिंग की डिग्री को लेकर भी लगे हैं धोखाधड़ी के आरोप ।

लखनऊ 27 अक्‍टूबरयूपी के सबसे बड़े घोटालेबाज चीफ इंजीनियर को योगी सरकार ने धर दबोचा । कागजों में हेरफेर कर दर्जन भर घोटालों को अंजाम देने वाले यूपीएसआईडीसी के चीफ इंजीनियर को ने कानपुर पुलिस कैंट इलाके से गिरफ्तार किया है ।
घोटाले सामने आने और मुकदमे दर्ज होने के बावजूद पिछली सरकारों में खुले आम घूमने और अफसरोंव मंत्रियों के घर पार्टी करने के शौकीन चीफ इंजीनियर को गिरफ्तार कर योगी सरकार भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति को और मजबूत किया है।

करोड़ों की अवैध संपत्‍त‍ि‍ के मालिक अरुण मिश्रा से प्राथमिक पूछताछ के पुलिस ने उसे भ्रष्‍टाचार निवारण कोर्ट में पेश कर दिया है। इससे पहले भ्रष्‍टाचार के एक मामले में सीबीआई भी अरुण मिश्रा से पूछताछ कर चुकी है ।
अरूण मिश्रा का नोएडा की ट्रॉनिका सिटी घोटाले में भी हाथ रहा है । यूपीएसआईडी के चीफ इंजीनियर अरूण मिश्रा पर कई संगीन आरोप लग चुके हैं । वर्ष 2012 में बनी सड़क का कागजों पर निर्माण दिखा कर शातिर दिमाग इंजीनियर करोड़ों रुपये डकार गया ।

घोटालेबाज की अकूत संपत्ति की भी होगी पड़ताल
भ्रष्‍टाचार पर चोट करने के मामले में एक और कदम बढ़ाते हुए योगी सरकार घोटालेबाज चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा की अकूत संपत्तियों की जांच भी करेगी। भ्रष्‍ट इंजीनियर ने इतनी संपत्ति कैसे अर्जित की और उसके भ्रष्‍टाचार के साम्राज्‍य से जुड़े कनेक्‍शन भी खंगाले जाएंगे। राज्‍य सरकार ने इसके निर्देश आला अधिकारियों को दे दिए हैं। संपत्ति जांच और भ्रष्‍टाचार से जुड़े कनेक्‍शन की पड़ताल शुरू होने के साथ कई सफेदपोश नामों का बाहर आना तय माना जा रहा है। लंबे समय से सत्‍ता के दुलारे भ्रष्‍ट इंजीनियर ने अपने कारनामों से सरकारी खजाने और जनता की मेहनत को चूना लगाया है। उसके घोटालों में तत्‍कालीन सरकार के अफसर भी बराबर के साझेदार माने जा रहे हैं।

माया,अखिलेश राज में बोलती थी घोटालेबाज की तूती
यूपीएसआईडीसी के चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा की पिछली दोनों सरकारों में तूती बोलती थी। एक के बाद एक घोटालों को अंजाम देने के बावजूद पुलिस अरुण मिश्रा के करीब भी नहीं जा पाती थी । माया और अखिलेश राज में अरुण मिश्रा का रसूख चरम पर था । दोनों ही सरकारों ने घोटालेबाज को फ्री हैण्‍ड दे रखा था । विभाग में तैनात अरुण मिश्रा के उच्‍च अधिकारी भी उससे सवाल नहीं पूछ सकते थे। मुकदमे दर्ज होने के बावजूद मिश्रा को हाथ लगाना तो दूर सवाल करने का साहस भी नहीं कर सकता था कोई ।

अखलिेश के मंत्रियों,अफसरों के घर पार्टी करता था महा भ्रष्‍ट इंजीनियर
महाभ्रष्‍ट चीफ इंजीनियर की पहुंच और रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अखिलेश सरकार के कई मंत्री और अफसरों के घरों पर वह पार्टी आयोजित कर जश्‍न मनाता था । फार्म हाउसों और पेंट हाउसों में आयोजित होने वाली आलीशान पार्टियों के खर्च उठाने के साथ ही अरुण मिश्रा नेताओं अफसरों को बेशकीमती गिफ्ट भी भेंट करता था।

अरुण के घोटालों पर पर्दा डाल बचाती रही पिछली सरकारें
पिछली सरकारें महा भ्रष्‍ट इंजीनियर अरुण मिश्रा के घोटालों पर लगातार पर्दा डाल कर उसे बचाती रही । नोएडा की ट्रानिका सिटी घोटाले से लेकर सड़क निर्माण और डिग्री के फर्जीबाड़े तक कई बार पुलिस की जांच का शिकंजा अरुण मिश्रा के करीब कसता नजर आया लेकिन सरकार के इशारे पर पुलिस को कदम पीछे खींच लेना पड़ा । सत्‍ता के मैनेजमेंट में माहिर अरुण सीबीआई तक को छकाने में कामयाब रहा है।


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