यमुनापार कलाकार संघ के पत्र पर संस्कृति मंत्रालय की पहल

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१५ अप्रैल, प्रयागराज: वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से जूझते हुए समाज का एक वर्ग जो कि हमेशा से जनमानस को मनोरंजन देता आया था जो हमेशा सम्मान के लिए जीता था आज वह वर्ग आर्थिक रूप से इतना कमजोर हो चला है कि बिना कार्यक्रम के जीविकोपार्जन करना मुश्किल हो रहा है । इसी कड़ी में यमुनापार कलाकार संघ के द्वारा 10 दिन पूर्व प्रधानमंत्री महोदय को लिखे गए पत्र एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल के निजी मेल पर प्रार्थना पत्र भेजकर ऐसे कलाकारों की आर्थिक दशा से रूबरू कराया गया था। पत्र में यह भी दर्शाया गया था कि ऐसे कलाकार जोकि भारत सरकार के किसी भी संस्थान द्वारा पंजीकृत नहीं है उनके लिए जीवन यापन करना अत्यंत दुर्लभ होगा क्योंकि आने वाले समय में पंजीकृत कलाकार तो सांस्कृतिक मंच के माध्यम से जीविकोपार्जन किसी ना किसी प्रकार से कर लेगा परंतु ऐसे लोक कलाकार जिनका जीवन ही क्षेत्रीय जनता को मनोरंजन देकर वहां की लोक कला को पुनर्जीवित करने पर निर्भर है उनके लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा यह पहल की गई है कि मंत्रालय के सात केंद्रों को इस बात के लिए कहा गया है कि ऐसे कलाकारों के नाम एवं विधा एवं उनकी आर्थिक स्थिति का संकलन कर उन्हें यथासंभव मदद पहुंचाने का प्रयास किया जाए। 

देश के यशस्वी प्रधानमंत्री एवं राष्ट्र के अभिभावक माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के सानिध्य में संस्कृति मंत्रालय की यह पहल वास्तव में कलाकारों को हिम्मत एवं संबल देगी। यमुनापार कलाकार संघ के अध्यक्ष प्रियांशु श्रीवास्तव ,महामंत्री रमाकांत शास्त्री सचिव राम सूचित गोलू सहित प्रयागराज के वरिष्ठ कलाकार मनीष पटेल ,ज्ञान शाक्य ,विष्णु राजा, मसूद अंसारी ,आशीष शर्मा ,विमलेश पांडे, कृष्ण कुमार सत्यार्थी आदि ने यमुनापार कलाकार संघ के द्वारा कलाकारों के चेहरे पर आई इस मुस्कान के लिए संघ को बधाई दी है एवं यह उम्मीद जताई है की उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र निश्चित रूप से अब इन कलाकारों के लिए कुछ बेहतर करेगा।


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