यमुनापार कलाकार संघ ने कलाकारों की बदहाली से अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री को भेजा
विश्व भर में फैली कोरोना जैसी महामारी से जहां एक और जनमानस में उत्तल पुथल मची हुई है, वही संपूर्ण विश्व वैश्विक महामारी से भी साथ-साथ जूझ रहा है। आर्थिक रूप से सरकारी एवं गैर सरकारी कर्मचारियों के पास मानसिक संतुष्टि यह तो है कि उन्हें मानदेय मिलता रहेगा, बचे हुए दिहाड़ी ठेले वाले एवं दैनिक वेतन भोगियों को सरकार के द्वारा प्रतिपूर्ति कराई जा रही है। लेकिन इन्हीं सबके बीच समाज का एक ऐसा वर्ग जो कि कारपोरेट से लेकर ग्रामीण अंचल तक फैला हुआ है लेकिन उसकी कोई निश्चित मासिक आय नहीं होती है वह वर्ग है कलाकारों का।

गायक ,उद्घोषक, कोरियोग्राफर वादक, साउंड ऑपरेटर जैसी विधाओं से जुड़े लोक विधा से लेकर सुगम, सूफी, पाश्चात्य एवं अन्य विधाओं के ऐसे कलाकार जो कि सिर्फ भजन चौकी ,झांकी, इवेंट्स ,कॉरपोरेट्स शो जैसे कार्यक्रम कर दर्शकों को मनोरंजन करने का कार्य करते आए हैं परंतु कोरोना जैसी महामारी से उनका जीवन बिल्कुल अस्त-व्यस्त हो गया है। इस महामारी से उबरने के बाद अन्य वर्ग जहां अपने कार्य में लग जाएगा इस वर्ग के पास आगामी कुछ समय तक किसी भी प्रकार की आय की संभावना दिखती प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि किसी भी प्रकार के ऐसे कार्यक्रमों के लिए जनता के समूह की आवश्यकता होती है जोकि अब कुछ समय तक संभव नहीं।

इस विषय पर यमुनापार क्षेत्र के क्षेत्रीय कलाकारों की आपसी सहमति पर यमुनापार कलाकार संघ के अध्यक्ष प्रियांशु श्रीवास्तव ने प्रार्थना पत्र प्रधानमंत्री महोदय को प्रधानमंत्री पोर्टल के माध्यम से भेजा है जिसमें उन्होंने समस्त कलाकारों की तरफ से उनकी पीड़ा उनके परिवार को चलाने के लिए आर्थिक व्यवस्था करने के लिए लिखित रूप से जानकारी दी है। इस विषय पर हाल ही में प्रदेश की कई संस्थाओं ने प्रयास किया है उसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए यमुनापार कलाकार संघ के अध्यक्ष प्रियांशु श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री पोर्टल पर प्रार्थना पत्र भेजकर समय आने पर वह संबंधित प्रतिनिधियों से वार्ता भी करेंगे।
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