वुहान से कोरोना का निकलना महज एक संयोग या चीन का प्रयोग !

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आकाश सिंह

21 वीं सदी में सम्पूर्ण संसार में मानव समुदाय के लिए सबसे बड़े वैश्विक संकट के रूप में सामने आए कोरोना वायरस का जन्म चीन के वुहान शहर से ही हुआ है यह तो स्पष्ट हो गया है लेकिन चीन विश्व मानव समुदाय का अपराधी भी है,क्योंकि कोरोना जैसे घातक वायरस की जानकारी होने पर भी उसने महीनों तक विश्व समुदाय से इस सत्य को छुपाए रखा।

जब ये वायरस विदेशों में फ़ैलने लगा तब उसने इस घातक वायरस के विषय में दुनिया को बताया, इस वायरस को वुहान शहर तक रोका जा सकता था, लेकिन चीन ने ऐसा कुछ करने के बजाय उन डॉक्टरों को दण्डित करना प्रारंभ कर दिया जो इसके खतरनाक सत्य को बता रहे थे।चीन ने आज तक यह भी नहीं साफ़ किया कि वायरस के अचानक फ़ैलने का कारण क्या है ,कभी वह कहता हैं कि कोरोना वुहान के फिस मार्केट से चमगादड़ के माँस से निकला है, तो कभी कहता है अमेरिका ने अपनी सेना के द्वारा इसे वुहान में प्लांट किया है। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात ये है कि चीन के लिए वुहान शहर अपने आप में कुछ खास है ,क्योंकि चीन में वुहान ही वह जगह है जहाँ विश्व की सबसे खतरनाक जैविक प्रयोगशाला में सुमार “वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी है” सन् 2015 में वुहान टेलीविजन पर इस इंस्टीट्यूट का प्रसारण हुआ था, जिसमे इसकी जैविक हथियार की उपलब्धियों का जिक्र किया जा चुका है। कई बार चीन की सरकार ने भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस संस्थान के बारे में स्वीकार किया है।

चमगादड़ सूप

कोरोना वायरस का वुहान में अचानक आना मात्र एक संयोग है या चीन की लैब का प्रयोग है,यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका। लेकिन जहां तक कहा जाता है कि कोरोना वायरस चमगादड़ के मांस खाने से फैल रहा है तो विचार करने वाली बात है आखिर इसका केंद्र वुहान शहर ही क्यों बना, जबकि पूरे चीन में चमगादड़ का माँस खाया जाता है और सूप पिया जाता है, तब आख़िर वुहान ही चीन का वह शहर क्यों बना जहां से कोरोना वायरस फैला, और तो और वुहान  को छोड़कर चीन का अधिकांश भाग कोरोना  संक्रमण से आज तक बचा हुआ है ,जबकि पूरा संसार कोरोना का प्रकोप झेल रहा है, चुकीं चीन का सबसे खतरनाक जैविक हथियारों का लैब भी वुहान में ही है ,इससे मन में आशंका अवश्य पैदा होता है, क्योंकि चीन एशिया महाद्वीप में एक बड़ी महाशक्ति है किंतु उसकी महत्वाकांक्षा संपूर्ण विश्व में महाशक्ति बनने की सदियों से रही है ,ऐसे में हो सकता है, चीन भविष्य में होने वाले युद्ध में शत्रुओं पर पर हावी होने के लिए कोरोना रूपी जैविक हथियार को लैब में बनाया हो और किसी कारणवश गलती से वह लैब से बाहर फैल गया।संयुक्त राष्ट्र संघ को विश्व के अन्य देशों के वैज्ञानिकों द्वारा वुहान की लैब के पूरी तरह से परीक्षण जरूर कराना चाहिए, तब जाकर स्थिति साफ़ होगी कि कोरोना का प्रकृति में आना संयोग है या प्रयोग।      लेखक    इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के छात्र हैं।


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