कोरोना वायरस की लॉक डाउन समय में घर पर करें व्यायाम

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प्रितांशु श्रीवास्तव

जैसा कि हम सभी जानते हैं की पूरा विश्व इस कोरोनावायरस नामक महामारी से जूझ रहा है। और इससे निजात पाने में लगा हुआ है और हमारा भारत भी इसी के चलते लॉक डाउन और पूरे देश का साथ ही इस बीमारी से सोशल डिस्टेंसिंग से निजात पा सकता है ऐसे सोशल डिस्टेंस के साथ ही आइए हम बात करते हैं लॉक डाउन के कारण घर पर हो रहे डेली एक्टिविटी के बदलाव के बारे में जिसमें हमें व्यायाम की जरूरत है और हम अपनी लॉक डाउन लाइव सरल बना सकते हैं।

वर्क फ्रॉम होम

बहुत से कर्मचारी हैं जो लाकडाउन टाइम में घर पर ही काम कर रहे हैं लेकिन ऑफिस में बैठकर काम करने और घर पर बैठकर वही काम करने में अंतर आ जाता है। जैसे ऑफिस में एक सिस्टम के साथ कुर्सी और मेज की सहायता से लैपटॉप पर काम किया या लिखने का काम किया जाता है लेकिन वर्क फ्रॉम होम में वर्क तो हो रहा है लेकिन वह बैठने का तरीका या काम करने का तरीका में बहुत अंतर आ रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को लोअर बैक पेन, नेक पेन और पोस्चरल डिफॉरमेटी बढ़ने की भी आशंका है लेकिन इससे बचने के लिए अगर हम सही पोस्चर में बैठे व एक ही पोजीशन में बैठकर ना काम करें और डेली व्यायाम करते रहें तो इससे बचा जा सकता है।

बच्चों की एक्टिविटी

लाकडाउन टाइम घर पर ही रहने से बच्चों के डेली रूटीन में चेंज आ सकता है जैसे देर तक सोना, आउटडोर गेम ना खेलना, और भी बहुत से चेंजेज हैं जो आप को बच्चों में देखने को मिल रहे होंगे। ऐसे में उचित यह होगा कि अगर जैसे बच्चों का रूटीन चल रहा था स्कूल टाइम पर उठना, समय के साथ गेम खेलना, तो आप बच्चों को उसी रूटीन में रखें स्कूल नहीं जाना लेकिन टाइम पर उठाकर उसको कुछ व्यायाम या फिजिकल एक्टिविटी कराइए जिससे लाकडाउन खत्म होने पर बच्चों की डेली रूटीन बनी रहे।

लाकडाउन की वजह से जो लोग घर पर बैठे हैं उनसे भी निवेदन है कि आप अपनी डेली रूटीन में रहे दिन में ना सोय जिसे रात में उचित नींद ले सकें और घर के अंदर ही टहले और व्यायाम करें जिससे आपकी मांसपेशियां शिथिल ना हो जाए और तरीके से काम करती रहे।

लेखक एक प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट है हेज मेमोरियल मिशन हास्पिटल, सुयाट्श, नैनी, प्रयागराज में । वे नेशनल यंग एचीवर अवार्ड द्वारा सम्मानित भी है।


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