क्यों बिगड रही है हमारी आर्थिक स्थिति ❓
रिपोर्ट- ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह।
- घर के सभी सदस्यों के पास महंगे स्मार्ट फोन।
- देखा-देखी बाहर घूमने जाने का ट्रेंड।
- बाईक से काम चले वहां भी स्टेटस के लिये कार चाहिए ।
- घर के भोजन के बजाय वीकेन्ड पर बाहर खाने का चस्का।
- ब्यूटी पार्लर, सलून, ब्रान्डेड कपड़ों की चाहत।
- जन्मदिन और मैरिज एनिवर्सरी में पैसों का गलत व्यय।
- सगाई और शादी में दिखावे के लिये हैसियत से अधिक गैर-जरूरी खर्च।
- प्राईवेट स्कूल में पढ़ाने की फैशन और स्कूल व ट्यूशन फीस में वृद्धि।
- गलत लाईफ स्टाईल के कारण मैडिकल खर्च में बढ़ौतरी।
- लोन की ऊंची ब्याज दर और क्रेडिट कार्ड के कारण अधिक चीजें खरीदने की गलत आदत।
इन खर्चों के कारण न तो हमारी कमाई में वृद्धि हो रही है और न ही बचत हो रही है । परिणाम स्वरुप अधिकांश घरों में अशांति है, मानसिक तनाव है…
गैर-जरूरी खर्चों को कम करो।
इंसान की मूल जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान थी, है और रहेगी।
इंसान के आज कम उम्र से ही बीमार होने, दुखी रहने और असफल होने का कारण है हम जीवन जीने का तरीका भूल गए हैं।
घर का शुध्द भोजन खाइये और दिखावे को त्यागकर आनंद से जीना सीखें । दुनिया को देखने का नजरिया बदलिए ।दुनिया में आप जैसे लाखों करोड़ों हैं, कौन किसकी परवाह करता है ? इसलिए दूसरों की राह पर न चलें, अपनी राह खुद बनायें…
माना कि अमीरी और गरीबी भाग्य द्वारा तय है किंतु कर्म विकास और जीवन जीने का तरीका आपके पास सुरक्षित है…