क्या है कुतुब मीनार विवाद ? उस पर किसकी दावेदारी है ? क्या कहता है इतिहास ?

Share:

नई दिल्ली। विश्व की सबसे ऊंची बिल्डिंगों में से एक है कुतुब मीनार जिसकी लंबाई है 72.5 मीटर है । इतिहास के अनुसार दक्षिणी दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार एक इस्लामिक स्मारक है। गुलाम वंश के पहले सुल्तान कुतुबुद्यीन ऐबक ने 1193 में कुतुब मीनार बनवाया था। उसने एक ही मंजिल बनवायी थी।

फिरोज शाह तुगलक

उसके बाद तीन और मंजिलें ऐबक के बाद दिल्ली के सुल्तान बने इल्तुतमिश ने बनवायी। आखरी और पांचवी मंजिल फिरोज शाह तुगलक ने 1368 में बनवायी।

सुल्तान कुतुबुद्यीन ऐबक

कुतुब की मीनारों से पांचवी मंजिल तक पहुंचने के लिए 379 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। आजकल कुतुब को हाथ लगाकर भी नहीं देख सकते पर पहले पांचवी मंजिल तक जाया जा सकता था। यह सुंदर टावर लाल बलुआ पत्थरों और संगमरमर से इंडो – इस्लामिक शैली में बना है। कुतुब की दीवारों पर कुरान की आयतें लिखी हैं।

सुल्तान इल्तुतमिश

इतिहास के अनुसार 1505 में आए भकूंप और बिजली गिरने से कुतुब को नुकसान पहुंचा था जिसकी मरम्मत लोदी वंश के सुल्तान सिकंदर लोदी ने करवाया था।

सिकंदर लोदी

1993 में यूनेस्को ने इसे हेरिटेज साईट घोषित किया है और वही इसकी देख रेख करता है। कुतुब मीनार के चारों ओर सुंदर बगीचा है। रिकाॅर्डों के अनुसार 1311 में बना अलई दरवाजा गेट और एक मस्जिद भी है। कुतुब के निकट ही एक लोहे का स्तम्भ है जिसमें 200 सालों तक जंग नहीं लगा।

ताज महल एवं ज्ञानवापी मस्जिद विवादों के बाद कुतुब मीनार भी विवादों के घेरे में है। एक पूर्व एएसआई अफसर के दावे के अनुसार कुतुब मीनार का निर्माण 5वीं सदी में गुप्त साम्राज्य के राजा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने करवाया था गुलाम वंश के सुल्तान ऐबक ने नहीं।

राजा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य

विक्रमादित्य ने सन टावर के रूप में इसका निर्माण करवाया था। राष्ट्रीय संग्रहालय को कुतुब मीनार में दो गणेश मूर्तियां मिली थीं जिसे इस साल 2022 अप्रैल में राष्ट्रीय संग्रहालय के अधिकारियों ने एएसआई को वहां से हटाने के लिए कहा था। परंतु कोर्ट ने आदेश दिया कि मूर्तियों को उनके असली स्थान से न हटाया जाए।

एक अन्य विवाद तब उठ खड़ा हुआ जब विश्व हिन्दू परिषद ने कहा कि इसका निर्माण विष्णू स्तम्भ के रूप में हुआ था, बाद में मुस्लिम शासकों ने इसका पुर्ननिर्माण कुतुब मीनार के रूप में किया। विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दावा किया कि कुतुब मीनार को बनाने के लिए 27 हिन्दू जैन मन्दिरों को तोड़ा गया था जिससे हिन्दू समाज चिढ़ जाए। अब तक तो विवाद कुतुब की जमीन तक ही सीमित थी पर अब उत्तर प्रदेश के एक शख्स ने कुतुब परिसर सहित आगरा से गुरूग्राम तक गंगा और यमुना के बीच के सारे इलाके पर अपनी दावेदारी ठोकी है। 


Share: