“मानव जीवन का महत्व” पर गोष्ठी सम्पन्न

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डाॅ अजय ओझा।

समाज परोपकार व मोक्ष के लिए कार्य करे-साध्वी रमा चावला ।

नई दिल्ली, 1 मई । केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “मानव जीवन का महत्व” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी संम्पन्न हुई । यह कॅरोना काल में 391 वा वेबिनार था ।

मुख्य वक्ता साध्वी रमा चावला ने कहा कि व्यक्ति का जीवन परोपकार के लिए मिला है इसलिए निरंतर सेवा व परोपकार के कार्य मनुष्य जीवन में करते रहना चाहिए । साथ ही अंतिम लक्ष्य है मोक्ष उसके लिए प्रभु स्तुति व उपासना करते रहे तभी ईश्वर से साक्षात्कार हो सकता है । उन्होंने कहा कि
जीवन को सही अर्थों में कुछ इस तरह से समझे कि दुनिया की सारी संपत्ति तराजू के एक पलड़े पर और मानव जीवन दूसरे पलड़े पर रख दिया जाए तो मनुष्य जीवन का पलड़ा भारी होगा। क्योंकि मनुष्य ही सृष्टि का सर्वोत्तम प्राणी है मनुष्य जन्म से बढ़कर और कुछ कीमती नहीं है केवल मनुष्य का सिर ही ऊपर की ओर है जबकि संसार के सभी जीव जंतुओं के सिर नीचे की और हैं पाप का सीन नीचे और पुण्य का सिर ऊपर होता है ज्ञान के कारण ही मनुष्य को संसार में सर्वश्रेष्ठ प्राणी का गौरव मिला है। मनुष्य जीवन अनेको पुण्य का फल है। सांसारिक सुख साधनों का और भोगों का आधार शरीर ही है उपनिषदों में मनुष्य शरीर को ऋषि भूमि कहा गया है। जिसमें सप्त ऋषि निवास करते हैं ।पांच ज्ञानेंद्रियां मन और बुद्धि! हमें मानव योनि आत्मज्ञानी होकर परमात्मा को पाकर जीवन से मुक्त होने के लिए मिली है इसीलिए शरीर से संसारी काम अवश्य करें परंतु मन को परमात्मा से लगाकर रखें। क्योंकि अगर मानव चोले में कोई दोष दाग और कमी आ जाती है तो उसका आकर्षण मूल्य और महत्व कम हो जाता है । ध्यान रहे मानव जीवन को निष्कलंक रखना और देव बना कर लौट आना मानव जीवन का लक्ष्य है। इसी जीवन में ही हमें अगले जन्म की तैयारी करनी होती है इसीलिए श्रद्धा विश्वास आस्था से परमात्मा के पास बैठे उपासना करें तथा अपने जीवन को सार्थक बनाएं। निरंतर पुरुषार्थ करें तभी आप मोक्ष की ओर अग्रसर होंगे। याद रखें परमात्मा के प्रकाश को देखने का मानव जीवन ही एक मानव जीवन एक झरोखा है। यह जीवन यह जीवन स्वर्ग का सोपान है। क्योंकि मानव जीवन की आत्मज्योति के दर्शन भी इसी जीवन में होते हैं इसलिए मानव जीवन के महत्व को भली-भांति समझे।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने संचालन करते हुए कहा कि व्यक्ति परमात्मा को मानव जीवन में ही पा सकता है ।
मुख्य अतिथि अंजु बजाज व अध्यक्ष रजनी गर्ग ने भी मानव जीवन को परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ रचना बताया । राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि योग परमात्मा के सामिप्य का सर्वोत्तम साधन है ।

गायक रविन्द्र गुप्ता, राजेश मेहंदीरत्ता, रजनी चुघ, ईश्वर देवी,उमा मिगलानी, रेखा गौतम, कमला हंस,प्रवीना ठक्कर, कौशल्या अरोड़ा, कुसुम भंडारी, सरला बजाज,कमलेश चांदना आदि के मधुर भजन हुए ।


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