मानवता की सेवा के लिए रक्तदान करना चाहिए -डॉ. सुषमा आर्या

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डा अजय ओझा।

जीवन रक्षक रक्त” पर गोष्ठी सम्पन्न ।

रक्तदान सर्वोपरि दान है–डॉ. नरेन्द्र आहूजा विवेक ।

शुक्रवार 21 मई 2021। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “जीवन रक्षक रक्त” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । यह कॅरोना काल में 221 वा वेबिनार था ।
मुख्य वक्ता डॉ. सुषमा आर्या (आयुर्वेदाचार्य) ने कहा कि
रक्त शरीर के लिए सबसे ज़्यादा उपयोगी है। रक्त सारे शरीर को ताकत देकर स्वस्थ रखता है ।बार-बार संचरण के कारण उससे ऊष्मा बढ़ जाती है जो तापमान कहलाती है यह
तापमान का नियंत्रण रखता है और 98.4 तक बनाए रखता है ।संचरण के समय पूरी ऑक्सीजन साथ लेकर जाता है फेफड़ों तक और कार्बन डाई साइड वापस लेकर आता है । इसी संचरण को रक्तचाप कहते हैं। 120 की स्पीड से ऑक्सीजन लेकर शरीर में जाता है और अशुद्ध रक्त 80 की स्पीड से आता है । उदर के तिल्ली में रक्त का निवास है । उत्सर्जी पदार्थ जैसे यूरिया अमोनिया इत्यादि किडनी तक पहुंचाता है जिससे शरीर निरोग रह सके अधिक तला भुना खाने से, बासी खाने सेऔर जंक फूड आदि अधिक मात्रा में खाने रक्त में चिकनाहट बढ़ जाती है जिसे हाई कैलस्ट्रोल कहते हैं जिसके कारण हृदय रोग हो जाने का खतरा बढ़ जाता है । खून को पतला करने के लिए एक चुटकी दालचीनी और एक चम्मच अदरक का रस गर्म पानी में लेने से खून को पतला किया जा सकता है। खाली पेट लहसुन खाने से रक्त की चिकनाहट कम होती है । केयन मिर्च खाने से , लौकी का जूस, तोरी का जूस और अर्जुन की छाल का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। व्यायाम प्राणायाम भी अत्यंत आवश्यक है ।
रक्त शोधन के लिए पुदीने का अर्क, तुलसी का अर्क, कच्ची हल्दी का रस और किशमिश कल्प अत्यंत कारगर हैं। हिमोग्लोबिन को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है नहीं तो शरीर के अंदर ऑक्सीजन की मात्रा कम पहुंचती है ।
रक्त में प्लाज्मा 60 से 55 और रूधिराणु 40% होते हैं। रुधिराणु के तीन भाग होते हैं आरबीसी, डब्ल्यूबीसी और प्लेटलेट्स ।
आरबीसी की कमी के कारण व्यक्ति शिथिल हो जाता है। डब्ल्यूबीसी की कमी के कारण रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है और प्लेटलेट्स की कमी के कारण नाक,आंखों और शरीर के किसी भी भाग से रक्त आना शुरू हो जाता है।
कीवी , नारियल पानी, पपीते के पत्ते का रस, तुलसी अर्क, गिलोय, चुकंदर, गाजर आदि खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ जाता है और रक्त विकार ठीक हो जाते हैं। इस अमूल्य रक्त का प्रयोग मानवता की रक्षा के लिए और समाज सेवा के कार्यों में अवश्य लगाना चाहिए।
हरियाणा राज्य के औषधि नियन्त्रक डॉ. नरेन्द्र आहूजा विवेक ने कहा कि हर स्वस्थ व्यक्ति को 18 से 55 वर्ष की आयु वाले को रक्त दान करना चाहिए ये वह दान है जो किसी फैक्टरी में नहीं बन सकता, मैने भी लगभग 50 बार रक्तदान किया है ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने मानव जीवन परोपकार के लिए बना है हमे रक्तदान अवश्य करना चाहिए ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि योग स्वस्थ रखने का उत्तम साधन है हम रक्तचाप सही रख सकते है ।
मुख्य अतिथि उर्मिला आर्या व अध्यक्ष कमलेश हसीजा ने अपनी शुभकामनाएं दीं ।
गायिका संगीता आर्या,पुष्पा चुघ,दीप्ति सपरा, नरेन्द्र आर्य सुमन,रवीन्द्र गुप्ता, प्रतिभा कटारिया आदि ने गीत सुनाये । आर्य नेता आर पी सूरी,आनन्द प्रकाश आर्य,महेन्द्र भाई, सौरभ गुप्ता, देवेन्द्र भगत, राजकुमार भंडारी, ओम सपरा, राजश्री यादव आदि उपस्थित थे ।


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