प्रयागराज:छोटे से कार्यकाल में किये गये बड़े महत्वपूर्ण कार्य : देवेन्द्र मिश्र

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प्रयागराज, 12 जून । मृतक अधिवक्ताओं के लंबित पत्रावलियों का निस्तारण न्यासी समिति से कराया तथा 430 पत्रावलियों का भुगतान कराया। इसमें 5 लाख प्रति अधिवक्ता की दर से 21.50 करोड़ रुपये तक का भुगतान कराया। इसके लिए न्यासी समिति के अध्यक्ष, महाधिवक्ता उप्र, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष बलवंत सिंह तथा अब्दुल रज्जाक खां का सहयोग सराहनीय रहा।

यह बातें शुक्रवार को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र नगरहा ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि अपने छोटे से कार्यकाल में कई बड़े महत्वपूर्ण कार्य किये। श्री नगरहा ने 16 मई 20 को अध्यक्ष, बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। बताया कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता यही थी कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में अधिवक्ता हित से लंबित कार्यां को यथाशीघ्र पूरा किया जाए। आज की तारीख में कोई भी कार्य अधूरा नहीं है। 

श्री नगरहा ने बताया कि 21 मई 20 को मेरी अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि अधिवक्ता वृद्धावस्था योजना के अन्तर्गत किसी अधिवक्ता की मृत्यु निर्धारित 80 वर्ष की आयु सीमा समाप्त कर अधिवक्ताओं के आश्रितों को वृद्धावस्था योजना के अन्तर्गत डेढ़ लाख की धनराशि बार काउंसिल द्वारा प्रदान की जायेगी। वृद्धावस्था मृत्यु दावा योजना के अन्तर्गत लगभग 20 पत्रावलियों का निस्तारण किया गया, जिसमें लगभग 30 लाख रुपये का भुगतान मृतक अधिवक्ताओं के आश्रितों को बार काउंसिल से किया गया। 900 से अधिक पत्रावलियों का निस्तारण कर लगभग दो करोड़ की चिकित्सकीय आर्थिक सहायता बीमार, अपंग एवं अशक्त अधिवक्ताओं को प्रदान किया गया।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में पंजीकृत अधिवक्ताओं के लगभग पांच हजार से अधिक पंजीकरण प्रमाण पत्र-परिचय पत्रों को बनवाकर डाक से नये पंजीकृत अधिवक्ताओं को भेजा गया तथा 2020 में जमा आवेदन पत्रों में अंकपत्र-प्रमाण पत्र के डिग्रियों के सत्यापन के लिए विभिन्न बोर्ड-विश्वविद्यालय में भेजा गया। एक हजार आवेदन पत्रों के बैंक ड्राफ्ट जिनकी समयावधि समाप्त हो गयी थी, उनको व्यक्तिगत फोनकर पुनः ड्राफ्ट मंगाकर पत्रावलियां निस्तारित की जा रही है। 


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