मध्य प्रदेश: उपाध्यक्ष पद को लेकर उठापटक
देवदत्त दुबे।
7 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं।विधायको ने जहां 45 सौ से अधिक प्रश्न लगाए हैं वही सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि विधानसभा उपाध्यक्ष इस सत्र में सदन को मिल पाएगा या नहीं और विपक्ष को मिलता है या सत्ता पक्ष अपने पास रखता है। इसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में उठापटक तेज हो गई है।
दरअसल पिछलें दो वर्षों से विधानसभा उपाध्यक्ष का पद रिक्त है। कोरोना काल के कारण अधिकांश सत्र वर्चुअल रुप से संपन्न हुए लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की संख्या कम है। इस कारण सदन में सभी की उपस्थिति रहेगी। सिवाय दर्शक दीर्घा के यही कारण है के इस बार संभावना बन गई है कि विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भरा जाएगा । इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बयान बाजी भी तेज हो गई है। वैसे तो विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के पास रहता आया है, लेकिन 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी तब कांग्रेस सरकार ने उपाध्यक्ष भी अपने दल का बनाया और अब भाजपा इसी बात को आधार बनाकर उपाध्यक्ष पद विपक्ष को नहीं देना चाहती। जबकि कांग्रेस सदन की मान्य परंपराओं के अनुसार यह पद कांग्रेस को देने की मांग कर रही है। कांग्रेस की इस मांग पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस परंपरा का हवाला दे रही है। विधानसभा में कांग्रेस की 15 महीने की सरकार थी तो विधानसभा में कांग्रेस का ही उपाध्यक्ष था। यह परंपरा कांग्रेस ने तोड़ी है। हम उसे निभाएंगे उपाध्यक्ष भाजपा का ही बनेगा वह अल्पमत की सरकार थी। कांग्रेस की अल्पमत की सरकार में तो चुनाव होना चाहिए था। हमारी बहुमत की सरकार है उसमें चुनाव नहीं होता जबकि विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष हिना कावरे का कहना है कि सदन की महान परंपरा रही है हमेशा उपाध्यक्ष का पद विपक्षी दल को दिया जाता है लेकिन मौजूदा सरकार यह नहीं कर रही अध्यक्ष के चुनाव हुए तो कांग्रेस में कोई विरोध नहीं किया। किसी को चुनाव नहीं लड़ाया इसलिए उपाध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव नहीं कराया जाना चाहिए।
एक तरफ जहां राजनैतिक प्रमुख दोनों ही दलों के उपाध्यक्ष पद को लेकर आमने सामने है वहीं दूसरी ओर विधायकों ने 45,100 से अधिक प्रश्न विधानसभा सचिवालय में पहुंचा दिए हैं। विपक्षी दल के सदस्यों ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, किसान कर्ज माफी, बढ़ती बेरोजगारी, निवेश संवर्धन, और भारी-भरकम बिजली बिलों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की है। 2,267 विधायकों ने ऑफलाइन और 2,251 विधायकों ने ऑनलाइन प्रश्न लगाए हैं।
वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में बजट सत्र की तैयारियों को अंतिम रूप देंगे वही शाम को मंत्रियों को डिनर पर बुलाया गया है।
कुल मिलाकर बजट सत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बयान बाजी शुरू हो गई है। विपक्ष जहां मांड परंपराओं का हवाला देकर उपाध्यक्ष पद पर दावेदारी जता रहा है। वही सत्ताधारी दल कांग्रेस के परंपरा तोड़ने का तर्क देकर उपाध्यक्ष पद अपने दल के पास रखने की कोशिश कर रहा है।