नाटक बसंती चोला में दिखे शहीद बिस्मिल और अशफ़ाक़ की ज़िंदगी के अनछुए पहलू

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मनीष कपूर।

बुनियाद फाउंडेशन की ओर से मंगलवार 28 फरवरी को नाटक ‘बसंती चोला’ का मंचन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के प्रेक्षागृह में किया गया, जिसका निर्देशन प्रयागराज की महिला रंगकर्मी रुचि गुप्ता ने किया तथा इसको लिखा है असगर अली ने नाटक भारत की आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले क्रांतिकारी अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ उल्लाह खां की आत्मकथा पर आधारित है कि किस तरह से जब आज़ादी का आंदोलन चल रहा था और तमाम क्रांतिकारी देश को गुलामी की जंजीरों से छुड़ाने के लिए अथक प्रयास कर रहे थे,ना तो उन्हें किसी भी प्रकार का भय था और ना ही अपनी जान की फिक्र बस कुछ था तो वह सपना की भारत मां को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद कराना है और अंग्रेजों को उनकी सही जगह दिखा दी जाए।

क्रांतिकारियों के सामने धन के अभाव के कारण हथियार नहीं थे और बिना हथियारों के सशस्त्र क्रांति का सपना पूरा होने में काफी कठनाइयाँ आ रही थी, शायद यही सोचकर राम प्रसाद बिस्मिल,अशफाक उल्लाह खां और रोशन सिंह,राजेंद्र लाहिड़ी ने अपने साथियों के साथ काकोरी ट्रेन एक्शन की योजना बनाई,और ट्रेन से सरकारी खज़ाना लूट लिया, जिससे पूरी ब्रिटिश सरकार हिल गई थी।

आगे चलकर अपनों की गद्दारी के कारण बिस्मिल अशफ़ाक़ रोशन सिंह राजेंद्र लाहिड़ी गिरफ्तार हुए और उन्हें मनमाने तरीके से फांसी की सजा दी गई।

इस नाटक में बिस्मिल की माँ का उनसे अंतिम मिलन व अशफ़ाक़ का अपनी माँ को अंतिम मार्मिक पत्र का दृश्य भी दिखाया गया जिसे देख दर्शकों की आंखे नम हो गई।

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में प्रयाग संगीत समिति के सचिव अरुण कुमार,बेनहर स्कूल के फाउंडर तारिक़ खान,संगीत समिति के सहायक निदेशक उमा दीक्षित,रतन दीक्षित,पूर्व पार्षद अहमद अली मौजूद रहे,नाटक में निर्देशन रुचि गुप्ता, सह-निर्देशन आकाश गौड़,डांस कोरियोग्राफी प्रिया तिवारी,राम प्रसाद बिस्मिल की भूमिका असगर अली,अशफ़ाक़ की प्रियांशु अमन,अश्फाक़ की माँ माधवी निराला, राजेन्द्र लाहिड़ी अम्भुज यादव, रोशन सिंह दुर्गेश यादव, बिस्मिल की माँ अंजू वर्मा, शचीन्द्र संत राम, मन्मथ नाथ की विपिन कश्यप, चंद्र शेखर आज़ाद की शिवम यादव, ऑफिसर की संदीप कुमार, मजिस्ट्रेट वैभव त्रिपाठी,रियासत जितेंद्र यादव, संदीप कुमार, आर्यन सिंह, सपनेश यादव, विपिन कश्यप लवकुश सरोज, अनुराग तिवारी आदि ने सशक्त अभिनय किया, मंच निर्माण वर्शिता श्रीवास्तव का रहा।


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