झारखंड में पर्यटन की असीम संभावनाएं : राज्यपाल

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डॉ अजय ओझा।

होटल प्रबंधन संस्थान, राँची द्वारा यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य एवं संस्कृति-2022 पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल ने कहा।

रांची, 12 मार्च । राज्यपाल ने समारोह में उपस्थित लोगों से कहा कि आप सभी के बीच आकर मुझे अपार खुशी हो रही है। मुझे बताया गया कि होटल प्रबंधन संस्थान, राँची एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है जो पर्यटन क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं की दिशा में समर्पित है। यह संस्थान अपनी स्थापना के बाद से आतिथ्य और होटल प्रशासन के ज्ञान को बढ़ावा देने, उसे प्रसार करने तथा व्यावसायिक शिक्षा एवं ज्ञान के उच्च स्तर को स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारत की संस्कृति व सभ्यता संपूर्ण विश्व में सराही जाती है। हमारी सांस्कृतिक कलाओं की पूरे विश्व में एक पहचान है। चाहें वो अहिंसा का नारा हो या फिर वसुधैव कुटुम्बकम (संपूर्ण विश्व हमारा परिवार है) हो, इन सभी विचारों ने हमारी ही पावन माटी में जन्म लिया है।

आतिथ्य का हमारे समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे दर्शन में “अतिथि देवो भवः” का उल्लेख है, जिसका अर्थ है “अतिथि भगवान होता है”। “अतिथि देवो भवः” हमारे देश की उन सशक्त विचारों में से है जो हमारे देश के नैतिक मूल्यों को और भी प्रबल बनाते हैं। भारत में पर्यटन के विकास में इस भाव व दृष्टि का अहम योगदान रहा है।

पर्यटन आज विश्व का अहम उद्योग और आर्थिक अंग बन गया है। इसे आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन का सशक्त साधन माना गया है। हमारे देश की प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर, उसे पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध बनाती है।

आज भारत विभिन्न श्रेणी के पर्यटन के लिए जाना जाता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशिष्टता और संस्कृति है। यहाँ के विभिन्न क्षेत्र अपने मौसम, नदियों, वन, द्वीपों, पर्वत व पठारों आदि प्राकृतिक विशेषताओं से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। साथ ही यहाँ पाये जाने वाली विविधता और सांस्कृतिक विरासत विदेश से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण के अहम केंद्र हैं। हमारा देश धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यन्त समृद्ध है। यहाँ बड़ी संख्या में विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल होने के साथ विभिन्न धर्मों के प्रवर्त्तकों की जन्मस्थली भी है, जिससे अन्य एशियाई देशों के पर्यटक काफी संख्या में आते हैं। पर्यटन की सफलता सुविधाओं के विकास पर भी निर्भर करती है, साथ ही जनता का पर्यटकों के प्रति व्यवहार भी उतना ही महत्वपूर्ण है। जनता का आथित्य और शिष्टता पर्यटकों को आकर्षित करती है।

पर्यटन आदिकाल से ही मनुष्यों का स्वाभाव रहा है। आधुनिक युग में पर्यटन संबंधी सभी मिथ्या समाप्त होने तथा आवागमन के साधनों के क्षेत्र में आए भारी बदलावों के कारण पर्यटन एक व्यवसाय के रूप में देखा जाता है।
आधुनिक युग में पर्यटन को एक व्यवसाय का रूप देने में लोगों की बढ़ती आर्थिक समृद्धि का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। विभिन्न देशों के लोग दुनिया के अन्य देशों में जाकर वहाँ की सभ्यता और संस्कृति को निकट से देखने-समझने का प्रयास करते हैं। अनेक लोग देश के प्रमुख स्थलों की यात्रा कर देश के पर्यटन उद्योग को सम्पन्न बनाने में योगदान देते हैं।

हम सब जानते हैं कि झारखंड राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। हमारा राज्य प्राकृतिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध और भाग्यशाली है। यह राज्य के विकास व राजस्व में अहम भूमिका का निर्वाह कर सकता है। हमें इसे और विकसित करने की आवश्यकता है। राज्य में अपेक्षित गति से पर्यटन का विकास नहीं हुआ है। इसमें हम सभी को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत है। पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा ताकि राज्य के पर्यटन स्थलों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हो और लोग यहाँ आने के प्रति अधिक-से-अधिक आकर्षित हो। झारखंड प्रदेश भारत ही नहीं, विश्व के लिए भी एतिहासिक है। झारखंड के पठार, पर्वत हिमालय से भी पुराना है। मैंने सचिव, पर्यटन से झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में हुए कार्यों की जानकारी प्राप्त की। बिहार में जिस प्रकार बुद्धिस्ट सर्किट है, उसी तरह इस राज्य में भी धार्मिक एवं प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर महत्वपूर्ण जगहों का सर्किट बनाया जा सकता है।

आज का जमाना मार्केटिंग और पब्लिसिटी का है। साहेबगंज में फॉसिल्स पार्क है जो करोड़ों साल पुराना है जिसे हम अब तक राष्ट्रीय स्तर पर नहीं ले जा सके हैं। झारखंड राज्य के धार्मिक और पर्यटन क्षेत्रों पर बुकलेट तैयार प्रचार-प्रसार किया जा सकता है।

मैं पर्यटन स्थलों में जाने के लिए इच्छुक रहता हूँ। जिस देश में प्राकृतिक सौंदर्य नहीं है, वहाँ भी कृत्रिम रूप से विकास कर पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण बनाया जा सकता है। इस सम्मेलन का उद्देश्य यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य और संस्कृति से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए पर्यटन और आतिथ्य के शोधकर्ताओं को एक साथ लाना है। सम्मेलन पर्यटन क्षेत्र में वर्तमान और उभरती चुनौतियों और मुद्दों को देखते हुए इन पर रूपरेखा तैयार करेगा।मुझे पूरी आशा है कि इस सम्मेलन में सार्थक चर्चा होगी, रचनात्मक परिणाम सामने आयेंगे और कुछ ठोस सुझावों तक पहुँचने में मदद मिलेगी, जिससे नीति-निर्माताओं को देश में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के विकास को और बढ़ावा मिलेगा। मैं सम्मेलन की सफलता की कामना करता हूँ।


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