अब समय आ गया है “मेक इन इंडिया” को भारत में हर गली मोहल्ले क्रियान्वित करने का
शशि किरण
देश में आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के हित हेतु बहुत सी योजनाओं को आरंभ किया गया है परंतु अपने आप पर यह योजनाएं इतनी सारी हैं और अलग-अलग वर्ग के लोग अलग-अलग प्रकार से इनका लाभ ले रहे हैं जिनमें से कुछ लोग तो कई कई स्कीमों का भी लाभ ले लेते हैं और कुछ लोगों को कुछ भी नहीं मिल पाता।
अतः सरकार को चाहिए कि इन विभिन आर्थिक योजनाओं का पु नः विश्लेषण किया जाए एवं यह देखा जाए कि किस प्रकार सुचारू रूप से एक ऐसी योजना को लेकर सामने आया जाए कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके। एवम् इन विभिन्न योजनाओं का दुरुपयोग भी रोका जा सके। अतः सरकार को चाहिए कि वह इन सब योजनाओं के स्थान पर कोई दो या तीन योजनाओं को ही कार्यान्वित किया जाए। सरकार को चाहिए की वह श्रमिकों को बिना कार्य के धन देने के स्थान पर उन्हें कार्य दे वह वेतन का भुगतान करें इसके लिए देश के सभी श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन किया जाना चाहिए और स्थान के अनुसार सूची बनानी चाहिए कि कौन कहां कार्य कर सकता है और कहां कार्य हेतु जा सकता है।
यह भी सूचीबद्ध किया जाए कि वह किस प्रकार का कार्य करने हेतु सक्षम है। सरकार को यह भी चाहिए कि वह है युवाओं को अपने छोटे-छोटे उद्योग खोलने हेतु प्रोत्साहन राशि दे या बैंकों से सस्ता लोन उपलब्ध करवाएं । इसके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाए । इस प्रकार इस प्रकार के उद्योगों को गांव व छोटे शहरों में भी शुरू किया जाना चाहिए जिससे देश की आर्थिक स्थिति अच्छी हो सके और देश का युवा एवं श्रमिक इन योजनाओं के साथ जुड़ सकें। इसके अतिरिक्त सरकार को चाहिए कि वह बहुत से उद्योग (industry) जिनकी देश को जरूरत है उनके लिए जगह उपलब्ध करवाएं और यही नहीं वहां पर उद्योगों (industry) को चलाने के लिए शेड या छोटे कारखाने वगैरह बनाकर युवा वर्ग को दिया जाए युवा वर्ग द्वारा वहां आकर अविलंब कच्चा माल लेकर कार्य शुरू किया जा सके।
ऐसा करने के लिए सरकार को भरपूर सहयोग देना चाहिए यह मानकर चलना चाहिए कि हमें ऐसे उद्योगों को जिनसे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है उन्हें गांव-गांव में लगाकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। यथा – हम चीन से दिवाली के समय लक्ष्मी गणेश, दिए, मोमबत्ती व बिजली की लाइटें मंगाते हैं यह सब चीजें हमें अपने ही देश में बनानी चाहिए । इसी प्रकार देश में बहुत से बहुत सी आवश्यक वस्तुओं को बनाया जा सकता है उन सब का बाहर से निर्यात बंद करना चाहिए तथा उनके लिए कानून को सरल बनाकर कारखाने खुलवाने में मदद करनी चाहिए। देश के कारखाना (industry) खोलने से संबंधित कानून ऐसे होने चाहिए की इंस्पेक्टर राज उस पर हावी ना हो और कोई भी जोकर थाना खोलना चाहे बिना किसी दुविधा या परेशानी के अपना कार्य कर सकें। अब वक्त आ गया है कि हमें अपने देश की आर्थिक व्यवस्था का विश्लेषण करके योजनाबद्ध तरीके से इसे ऐसे कुछ ऐसे उद्योगों को शुरू करना होगा जिससे लोगों को रोजगार मिल सके जो कि आज एक बहुत बड़ी जरूरत है और इसके साथ ही हमें यह भी देखना होगा कि हम ऐसे कौन से उपाय करें जिससे हमारी पूरी आर्थिक व्यवस्था मजबूत हो सके और हम लॉक डाउन (lockdown) के कारण जो हमारी क्षति हुई है जो नुकसान हुआ है उसे जल्दी से जल्दी उबर सकें।
लेखक सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता है ।