अशुद्धियों (बुराइयों) का ब्रेक डाउन करने वाला लॉक डाउन

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देवदत्त दुबे

21 दिन के लॉक डाउन को अभी 4 ही दिन हुए हैं और चौतरफा लॉक डाउन हुए परिवारों से अच्छी खबरें आ रही हैं । अधिकांश परिवारों ने इस समय के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए चुन लिया है। जिंदगी को खुशहाल और तनाव मुक्त बनाने के लिए जरूरी बदलाव किए जाने को लेकर व्यक्तिगत रूप से और पारिवारिक रूप से सहमति बन रही है । खासकर उन बुराइयों को ब्रेकडाउन किए जाने के संकल्प हो रहे हैं जो लॉक डाउन के दौरान परेशान कर रही हैं ।

मानव स्वभाव जिंदगी में स्वतंत्रता चाहता है । यही कारण है कि जब 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की तब अधिकांश लोग यह सोच कर ही बेचैन हो गए की 21 दिन अब घर के अंदर ही रहना पड़ेगा । खासकर उन लोगों को ज्यादा चिंता हुई जो अधिकांश समय घर के बाहर ही व्यतीत करते थे या फिर किसी भी प्रकार के नशे की गिरफ्त में जो हैं और खासकर वे लोग जो संयुक्त परिवार में रहकर नशे का सेवन नहीं करते थे। ऐसी चिंता उन्हें जरूर सताती है । कुछ लोग ऐसे भी है जो यह सोच कर प्रसन्न हुए की 25 मार्च से 21 दिन का लॉक डाउन रहेगा और 25 मार्च से नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं इस बार अच्छे से देवी की आराधना की जा सकेगी । कुछ लोगों ने घर की साफ सफाई करने जैसी योजना भी बना ली है । आज सभी ने अपने-अपने नजरिये से लॉक डाउन को देख रहे है । आप सबकी मजबूरी कहे, या यह लोक डौन सभी को जरुरी पालन करना था क्योंकि ऐसा कोई काम नहीं है जो जिंदगी से ज्यादा जरूरी हो, खासकर घर में ना रह कर केवल बाहर निकलने के लिए । यदि डॉक्टर, नर्स, पुलिस, अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकार, बाहर निकल रहे हैं तो वे अपने कर्तव्य निर्वाहन के लिए जा रहे हैं । बिना किसी जरूरी कार्य के बाहर निकलना मुश्किलों को बुलावा देना है ।

लॉक डाउन के अवसर पर लोगो ने अपने घरो के सामने यह सन्देश लगाया है

जिंदगी को खुशहाल और तनाव से बचाने के लिए जरूरी है कि इसमें कुछ बदलाव किए जाएं जीवन के हर पहलू को समझ कर संतुष्ट रहना सीखें, सकारात्मक सोच को बनाए रखें, बदलाव जिंदगी का अहम हिस्सा है । इसे स्वीकार करना ही बेहतर होगा, अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए, जहां कुछ बातों को हमें स्वीकार करना होगा और कुछ को अपनी जिंदगी से हटाना होगा और सब कुछ भूल कर यह सोचें की लॉक डाउन, नवरात्र के प्रारंभ से अर्थात शक्ति पर्व से शुरू हुआ है । इस दौरान आंतरिक शक्ति को जगाने का अवसर है बाहरी रूप से तो प्रतिवर्ष दो बार नवरात्रि के अवसर पर हम मंदिर जाते हैं पूजा पाठ करते हैं, लेकिन यह तो घर के अंदर ही रहकर ऐसी शक्ति अर्जित करना है की फिर हमारे दरवाजे, बुराइयां दस्तक ना दे सके, सोचें कि आपके जीवन में कम से कम एक गैर जरूरी चीज कौन सी है और उसे आज ही खत्म कर डालें। इसके लिए कोई ऐसी चीज चुने जो आप कर सकते हैं और करेंगे क्योंकि इससे आपका जीवन सकारात्मक रूप में परिवर्तन लेगा। केवल जरूरी है उस बुराई को खत्म करने का प्रण करें उस पर अमल भी करें जो चीज आप छोड़ देना चाहते हैं । उसे फिर से प्रकट नहीं करें इसी तरह एक अच्छी आदत की शुरुआत कर सकते हैं। जीवन को ध्यान से देख कर खुद ही तय करें कौन सी अच्छी आदत इन दोनों में शुरू की जाए।मसलन यदि कोई बुराई छोड़ना हो तो किसी भी प्रकार का नशा छोड़ सकते हैं और कोई अच्छी चीज की शुरुआत करना चाहते हैं तो सुबह जल्दी उठने की योग करने की कर सकते हैं।

ऐसा इसलिए करने की भी जरूरत है कि अधिकांश लोगों ने अपनी खुशियां गिरवी रख दी है, क्योंकि उनके जीवन की खुशी शांति और प्रेम बाहरी हालातों के पास है जैसे कि अभी कुछ लोग लॉक डाउन से परेशान है, और कुछ ऐसे अवसर के रूप में ले रहे हैं जहां से वे नया जीवन शुरू करेंगे। वैसे तो जीवन का असली गुण तो मनुष्य को सदैव अपने अंदर से खुश रहने का प्रयास करना चाहिए और खुश होने के लिए किसी कारण या मौके की तलाश करने की जरूरत नहीं है। जो लोग अपनी चीज को अच्छी और दूसरे की खराब बताते हैं, उनका तरीका बिल्कुल ठीक नहीं है। आपको अपने भीतर से इस तरह होना चाहिए कि जो चीज जैसी है आप उसे उसी रूप में देख पाए अगर आप किसी चीज को जैसी वह है उससे अलग होकर देखते हैं तो इसका मतलब है कि आप अपनी राय और पूर्वाग्रहों से दुनिया में मिलावट करने की कोशिश कर रहे है।

कुल मिलाकर जब हम अपने भीतर प्रेम से भरे होते हैं तब सुखी महसूस करते हैं। इसलिए सभी से प्रेम पूर्वक पेश आएं प्रेम से भरी दुनिया बनाकर आप किसी और का कल्याण नहीं कर रहे हैं यह जीने का बुद्धिमानी भरा तरीका है। दुनिया को प्रेम पूर्ण बनाने के लिए आपको जो कुछ ज्यादा या कम नहीं करना है जो कुछ भी करते हैं उन्हीं से प्रेम पूर्ण दुनिया बना सकते हैं। क्योंकि एक बात प्रत्येक इंसान को याद रखनी चाहिए कि आप नश्वर हैं, यह छोटी सी बात समझने में कई बार लोगों को पूरी जिंदगी लग जाती है। लेकिन समझ में आ जाए तो फिर जीवन का हर क्षण जश्न मनाने के लिए है, आनंद उठाने के लिए है, क्योंकि जीवन एक पल के लिए भी आपका इंतजार नहीं करता इसलिए इस जीवन में कुंठा अवसाद गुस्सा नशा या किसी भी अप्रिय वास्तु को करने के लिए समय नहीं है हर पल को आनंद लेते हुए व्यतीत करें।

अतः अपने भविष्य के बारे में हमेशा अच्छी आशाएं कीजिए लेकिन बुरे के लिए तैयार भी रहिए। अगर ऐसी मुसीबत आएगी तो हम लड़ेंगे मुकाबला करेंगे और साहस का परिचय देंगे।अच्छे भविष्य की कल्पना करने में क्यों संकोच ना करे, अच्छे भविष्य की कल्पना करने के लिए आप लॉक डाउन के दिनों का सदुपयोग कर सकते हैं और अपने आप को तैयार कर सकते हैं एक खुशहाल संतुष्ट और सकारात्मक जीवन जीने के लिए।

बुराइयों को ब्रेकडाउन करने का लॉक डाउन सुनहरा अवसर है। वैसे भी जब घर में रहते हैं बुराइयां हमसे दूर रहती है जोकि घर के बाहर शुरू हो जाती हैं तो इस बार हम जब लॉक डाउन के बाद घर से बाहर कदम रखें तब एक भी बुराई है हमारे अंदर ना रहे यही अवसर है चुनौती को अवसर में बदलने के लिए अधिकांश व्यक्ति और परिवार ऐसे संकल्पों से भर रहे हैं फिर हम और आप भी क्यों पीछे रहें, लीजिए संकल्प।

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