प्रयागराज में संगम के नीचे प्राचीन नदी के पुख्ता प्रमाण मिले

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भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बड़ी खोज की है। हेलिकाॅप्टर द्वारा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सर्वें करने के बाद वैज्ञानिकों को संगम के नीचे 45 किलोमीटर लंबी प्रचीन नदी होने का पक्का प्रमाण मिला है। कहा जा रहा है कि हो सकता है उसका संबंध हिमालय से हो। गंगा और यमुना की तलहटी के नीचे एक नदी बह रही है तो आशा की जा रही है कि इसमें पानी है और हो सकता है कि यही सरस्वती नदी है।

मान्यता के अनुसार प्रयागराज में त्रिवेणी संगम गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के मिलन से ही बना है। परंतु वैज्ञानिक इस बात को मानते थे कि सरस्वती सूख चुकी है। लेकिन वैज्ञानिकंों के इस खोज से इस मान्यता को बल मिला है कि गंगा, यमुना के साथ सरस्वती का मिलन होता आया है। सरस्वती अदृष्य है। लेकिन जहां पर प्राचीन नदी के होने का प्रमाण मिला है ठीक उसी स्थान पर कभी सरस्वती बहती थी। पानी की कमी ही प्राचीन नदी को खोजने का कारण बनी। नदियों के गिराते जल स्तर के कारण ही ऐसा सर्वे किया गया और शायद सरस्वती का अस्तित्व सामने आ जाए।

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