झारखंड के शिक्षा विभाग का हाल बदहाल : धर्मेंद्र तिवारी
डॉ अजय ओझा।
अनेक विषयों में शिक्षकों का अभाव।
बहाली की मांग को लेकर बीएड पास 10+2 शिक्षक प्रतिभागी संघ राजभवन के सामने बैठे हैं धरने पर।
महीना दिन बाद भी कोई सरकार की ओर से कोई कारवाई नहीं।
रांची, 22 जुलाई। सरकारी विद्यालय टेन प्लस टू में क्षेत्रीय भाषा, समाज शास्त्र, राजनीति विज्ञान, दर्शनशास्त्र, मानव शास्त्र, कंप्यूटर विज्ञान एवं उर्दू महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई होती है, परीक्षाएं भी होती हैं लेकिन टीचर है नहीं.
मूल्यांकन कौन करता है, कौन पढ़ाता है यह कहना समझ से परे है. झारखंड के शिक्षा विभाग का हाल बद से बदतर है. मैट्रिक तक विद्यार्थी भी है, टीचर भी है. प्लस टू में विद्यार्थी है पर टीचर नहीं.
उसके ऊपर क्लास में प्रोफेसर है, उपर्युक्त विषय की सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि विषयवार शिक्षकों की बहाली हो. ताकि हमारे युवा पढ़ सके और आगे बढ़ सके. यदि उपरोक्त विषयों की आवश्यकता नहीं है तो इसके टीचर ही क्यों बनते हैं, क्यों रोजगार के चक्कर में पढ़ते है और इन विषयों को पढ़ने से किसका फायदा हो.
राज भवन के सामने चतरा जिले से चलकर आए हुए बी एड पास 10+2 शिक्षक प्रतिभागी संघ राजभवन के समीप अपनी मांगों के लिए धरने पर बैठे हैं. आज 30 दिन हो गए उनकी मांगों पर सरकार ने विचार नहीं किया। इन्होंने झारखंड के सभी विषयों के शिक्षकों को जगाने का काम किया है. क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षक नहीं होने से 40000 विद्यार्थी का भविष्य खतरे में.
राजनीति विज्ञान में दो लाख विद्यार्थी पर शिक्षक नहीं. इसी तरह समाजशास्त्र में 125000 विद्यार्थी दर्शन शास्त्र मानव शास्त्र में 1 लाख विद्यार्थी को कौन पढ़ा रहा है, कौन कॉपी को चेक कर रहा है यह कहना मुश्किल है. माननीय उच्च न्यायालय ने भी 2016 में आदेश पारित किया था की कमेटी बनाकर इन विषयों के शिक्षकों को समायोजित करें पर आज 6 साल हो गए कुछ नहीं हुआ. सरकार केवल बात करती है, रोजगार के आभाव में बेरोजगार बनकर मरने को तैयार है युवा । राज भवन के सामने धरने पर बैठे मीना मुंडा, पूजा उरांव, मुनिया उरांव, संदीप महतो, महतो तालेश्वर ने अपनी पीड़ा को भारतीय जनतंत्र मोर्चा के अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र तिवारी को बताया. इन सभी का कहना है जब तक सरकार आश्वासन नहीं देती हम धरना खत्म नहीं करेंगे। श्री तिवारी ने इनके बीच जाकर समस्याओं को समझा और जल्द ही हल निकालने का आश्वासन दिया।