थानेदार, चौकी इंचार्ज, की तैनाती में हुई थी नियमों की अनदेखी। प्रयागराज विजिलेंस की जांच में पूर्व एस•एस•पी• अभिषेक दीक्षित दोषी पाए गए।

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प्रयागराज विजिलेंस की जांच में पूर्व एस•एस•पी• अभिषेक दीक्षित यूं ही दोषी नहीं पाए गए। उनके कार्यकाल में नियमों की अनदेखी कर कई थानेदार और चौकी इन्जॉर्ज को तैनाती दी गई थी। इतना ही नहीं 3 महीने के कार्यकाल में करीब 300 पुलिस कर्मियों की ट्रांसफर पोस्टिंग हुई थी। इसको लेकर उनकी कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं। बिजिलेंस की खुली जांच पूरी होने के बाद कहां जा रहा है। कि जल्द ही निलंबित आई•पी•एस• अभिषेक दीक्षित के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है। ऐसे में उनके कार्यकाल के दौरान मलाईदार थानों पर तैनाती पानी वाले पुलिस कर्मियों में खलबली मच गई है। कुछ को विभागीय कार्रवाई और हकीकत उजागर होने का भी डर सताने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घूरपुर से हटाए गए दरोगा को अभिषेक दीक्षित ने अरैल चौकी का इंचार्ज बना दिया था। इसी तरह खराब छवि वाले इंस्पेक्टर और दरोगा को थाने की तैनाती दी गई थी। एक ही दिन में 25 थानेदार की पोस्टिंग हुई थी। साथ ही जिनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी। उन्हें भी लाइन से हटा कर थाना व चौकी पर पोस्ट किया गया था। तीसरे माह में दरोगाओ को फोन करके गस्ती के बारे में जानकारी दी जाती थी। जिसको लेकर विभाग में कई तरह की चर्चा हो रही थी। बहरहाल, विजिलेंस की जांच में अभिषेक दीक्षित को विभागीय अनियमितता बरतने का दोषी पाया गया है।

अजय विश्वकर्मा
पत्रकार

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