तालीबानी बंदूक के साये में खबर, न डरने की अपील

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डॉक्टर अजय ओझा।

नई दिल्ली, 1 सितंबर। अमरीका अफगानिस्तान छोड़कर चला गया। अब वहां सत्ता पर काबिज तालिबान जनता को भरोसा दिला रहा है कि उसके राज में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। आम जनता ‘इस्लामिक नियमों के अनुसार’ निडर होकर रहे। महिलाएं बेफिक्र रहें और मीडिया आजादी से काम करे, लेकिन अफगानिस्तान से वायरल हो रहे वीडियो इससे उलट कहानी कह रहे हैं।अफगानिस्तान के एक न्यूज चैनल के एंकर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें तालिबान के लड़ाके बंदूक लिए एंकर के पीछे खड़े होकर उसे घूर रहे हैं। एंकर भी डरा हुआ है, लेकिन वह वीडियो में इस्लामिक अमीरात की तारीफ कर रहा है। साथ ही प्रोग्राम देखने वाले लोगों से तालिबान से नहीं डरने की अपील भी कर रहा है, जबकि उसके खुद के चेहरे के भाव बदले हुए हैं। सत्ता बदलते ही अफगानिस्तान में कई पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं। उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है। रिपोर्टर और कैमरामैन को सड़क पर पीट दिया जाता है। तालिबान बातें शांति की तथा काम हिंसा, अशांति और डर फैलाने वाला कर रहा है। अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने ऐलान किया कि अब स्कूलों में लड़के और लड़कियां अलग-अलग पढ़ेंगे। नई सरकार में जल्द ही स्कूलों में लड़के और लड़कियों के लिए अलग अलग क्लासरूम की व्यवस्था करेगी।तालिबान के अल्टीमेटम से पहले ही अमरीकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ दिया। रात करीब 12 बजे काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी सेना का आखिरी दल रवाना हुआ। इसके साथ ही अमरीकी सेना के यहां 20 साल चले संघर्ष का अंत हो गया। इधर, अमरीकी सेना की विदाई हुई और उधर तालिबान ने अफगानिस्तान की आजादी का ऐलान कर दिया। तालिबान ने कहा है कि इस जंग में हमारी जीत हुई है। यह घुसपैठियों के लिए एक सबक है। तालिबान के साथ हुए समझौते के तहत अमरीका को 31 अगस्त तक पूरी तरह अफगानिस्तान को छोड़ देना था, लेकिन वह 24 घंटे पहले ही अफगानिस्तान से निकल गया। जैसे ही अमेरिका के चार सी-17 सैन्य परिवहन विमानों ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी, तालिबान के लड़ाकों ने जश्न में फायरिंग शुरू कर दी।


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