लखनऊ : सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के श्रम कानून को लेकर बयान पर यूपी के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने करारा जवाब दिया

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सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की श्रम कानून संशोधन पर टिप्पणी नासमझी और नादानी” कहा स्वामी प्रसाद मौर्य ने । श्रम मंत्री ने आगे कहा ” अखिलेश यादव को शायद नहीं पता कोरोना के संकट से पूरा देश जूझ रहा है। सभी औद्योगिक संस्थान और कारखाने बंद पड़े है। सभी औद्योगिक इकाइयां सीएम योगी के निर्देश पर अपने कर्मियों को वेतन और भरण-पोषण राशि दे रहे।”

सीएम योगी के निर्णय के अनुसार दूसरे प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों को हम वापस ला रहे । जो जिस जिले और गांव में है उसको वहीं पर काम दे रहे। यूपी में हम निवेश को बढ़ावा दे रहे नए निवेश से रोजगार बढ़ा रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों को भी रोजगार से जोड़ रहे, रोजगार सर्जन हमारी प्राथमिकता है स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने जवाब में कहा। बंद पड़े बंद पड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान और उद्योग चले उसके लिए हम काम कर रहे हैं । हमने श्रम कानूनों में संशोधन का सुधार विधेयक लाए है”। हमारे संशोधन से मजदूर का हित प्रभावित नहीं होता है । अखिलेश यादव को श्रम कानून संशोधन की पूरी जानकारी लेनी चाहिए। सभी प्रकार के श्रमिकों के खाते में हम एक 1-1 हजार रूपए दे रहे हैं।
प्रवासी कामगारों के भरण-पोषण की व्यवस्था भी सीएम योगी कर रहे हैं। श्रम संशोधन श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए लाया गया ।
अखिलेश यादव की टिप्पणी श्रमिकों के रोजगार को बाधित करने वाली है । अखिलेश की टिप्पणी श्रमिकों के हित के विरोध में है ।
“अखिलेश यादव चाहते हैं श्रमिक भूखे मरे रोजगार ना मिले नया निवेश ना आए। शायद अखिलेश यादव अपनी सरकार के कार्यकाल को भूल गए”। “सपा सरकार के दौरान यूपी गुंडाराज का अखाड़ा था। अखिलेश यादव ने श्रमिकों की खून पसीने की कमाई के पैसे को साइकिल बांटने में खर्च किया था। आज हम 18-18 कल्याणकारी योजनाएं चला रहे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रेस वार्ता में कहा”।
“अखिलेश यादव को टिप्पणी करने से पहले अपना दामन झांकना चाहिए। श्रमिकों का पैसा श्रमिकों के हित के लिए उनके बच्चों के लिए व्यवस्था कर रहे हैं। अखिलेश यादव की तरह अपने चहेतों को हम रेवड़ियां नहीं बांट रहे”।


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