कोटा से लौटे बच्चों के जवाब ने सभी को खुश कर दिया
30 अप्रैल, लखनऊ। लॉकडाउन के करीब एक महीने हो गये थे। डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना लेकर कोचिंग के लिए कोटा गये उप्र के बच्चे वहां फंस गये थे। बच्चे और घर वाले दोनों परेशान थे। बच्चे घर तो आना चाहते थे, पर कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन की सख्ती को देखते हुए कोई उम्मीद भी नहीं बची थी। ऐसे में उप्र सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ का फैसला आया कि हम प्रदेश के बच्चों को कोटा से सकुशल घर वापस लाएंगे। बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए यह बिना मांगी मुराद जैसा था। अब सबको इंतजार था फैसले के अनुपालन का। अब जब ये बच्चे अपने घर आ गये हैं तो वह कैसा महसूस कर रहे हैं। अपने मुख्यमंत्री के बारे में क्या सोचते हैं और क्या कहते हैं, इस बाबत कुछ बच्चों की जुबानी ही सुनिये।
वाराणसी की निशी सिंह नीट की तैयारी के लिए वहां गई थीं। बकौल निशी जब हमें अपने मुख्यमंत्री के इस फैसले का पता चला तो खुशी से आंसू निकल आए। लगा कि इस अभूतपूर्व आपदा में भी कोई अपना है, जिसे हम लोगों की चिंता है। अपनी तमाम व्यस्तताओं में भी हमारे बारे में सोचता है। वाकई योगीजी पूरे प्रदेश की जनता को बिना भेदभाव के अपना परिवार मानते हैं। उनका आभार जताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।
गोण्डा के रहने वाले मोहम्मद शाहिद कोटा में आईआईटी जेईई की तैयारी कर रहे थे। उनका कहना है कि ‘’हम लोगों को वहां पर खाना भी ढंग से नहीं मिल पा रहा था। इसके अलावा कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। हम लोगों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब हम लोगों को वापस बुलाने का पैसला लिया, तो लगा हम अकेले नहीं हैं, हमें भी कोई पूछने वाला है। इसके लिए उनको धन्यवाद।‘’’
कानपुर के सौरभ शुक्ल बैंक पीओ की तैयार करने गए थे। अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि ‘’हमने सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं। घर की बेतहाशा याद आती थी। ऐसे में जब लगा कि अपने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमारे घर वापसी का बंदोबस्त कर रहे हैं तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उस खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। आंखे भर आईं। दिल से यही निकला कि जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपरवाला होता है। हमारे लिए तो योगीजी वैसे ही हैं। उनको धन्यवाद देने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। सही मायने में कहा जाए तो लाजवाब सीएम हैं अपने योगी जी, जो बिना भेदभाव के प्रदेश के 23 करोड़ जनता को अपना परिवार मानते हैं।‘’
मुरादाबाद से नीट की तैयारी करने गई मानसी सिंह का कहना है कि ‘’जब कोटा में एक दम से केस बढ़ना शुरू हुए तो हम लोग बहुत तनाव में आ गए थे। मन में एक अनजाना सा डर बैठ गया था। बहुत जरूरी होता था, तभी हम अपने रूम से बाहर निकलते थे। जिस दिन हमारे पैरेंटस ने हमें बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हम लोगों को वापस लाने के लिए बस भेज रहे हैं, उस दिन हम लोगों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। योगी जी का बहुत-बहुत धन्यवाद। वह परिवार के मुखिया की तरह प्रदेश का ख्याल रख रहे हैं।‘’ मानसी ने आगे कहा कि ‘’सीएम हो तो ऐसा, हमें योगीजी पर नाज है।‘’