विश्व जल दिवस के अवसर पर नुक्कड़ नाटक : be the change हुआ मंचन

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मनीष कपूर।

विश्व जल दिवस के अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग प्रयागराज, नेहरू युवा केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आज 22 मार्च 2023 को सुबह 10:00 बजे मदन मोहन मालवीय पार्क (मिंटो पार्क) प्रायग्राज में नुक्कड़ नाटक अभिनय संस्थान प्रयागराज के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक बी द चेंज का मंचन किया।

कृष्ण कुमार मौर्य द्वारा निर्देशित इस नुक्कड़ नाटक में अकबर बने और बीरबल के द्वारा व्यंग और हास्य के माध्यम से हमारे दैनिक में हो रही छोटी-छोटी गलतियां जिससे जल का दोहन हो रहा है उससे बचने के सुझाव दिए गए।

नाटक के पहले दृश्य में अकबर यानी कृष्ण कुमार मौर्य और बीरबल यानी पिंटू प्रयाग शहर में भ्रमण करने को निकलते हैं और देखते हैं की आम जनमानस पानी का अलग-अलग माध्यमों से बर्बादी कर रहा है।

जैसे फोन पर बात करते हुए नल से बोतल को भर जाने के बाद भी नल नही बंद करना । स्टेशन पर पानी भरने के बाद नल खुला छोड़ देना।

देखते ही अकबर और बीरबल अपनी हाजिर जवाबी से दर्शको को बताते है की हम अपनी
दैनिक गतिविधियों के दौरान थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि हांथ धोते वक्त, मंजन करते वक्त, दाढ़ी बनाते वक्त पानी के नल को बंद कर देना चाहिए!

नहाने के समय फुहारे के जगह बाल्टी तथा मग का इस्तेमाल करके भी हम काफी मात्रा में पानी बचा सकते है!

पौधों को दोपहर के जगह सुबह और शाम के समय पानी देना पानी बचाने के कार्य में एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है, इसके साथ ही बरसात के मौसम में वृक्षारोपड़ करके हम पौधे लगाते समय खर्च होने वाले पानी को काफी कम कर सकते है!
हमें अपने घरों में किसी तरह के पानी के लीकेज को तत्काल रुप से ठीक कराना चाहिए, ताकि इससे होने वाली पानी की बर्बादी को रोका जा सके!

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कार धोने के लिए पाईप के इस्तेमाल से काफी मात्रा में पानी नष्ट हो जाता है, इसलिए हमें इसके स्थान पर बाल्टी का उपयोग करना चाहिए!

वाशिंग मशीन और डिश वाशर का उपयोग करते समय हमें उन्हें पूर्ण रुप उनके अधिकतम क्षमता का उपयोग करना चाहिए तभी इनके द्वारा हम पानी का के बर्बादी को रोक सकते है!

अपने घरों में पानी के पुनरावृत्ति के लिए हमें हमेशा सही फैसला लेना चाहिए ताकि हमेशा जल संरक्षण के इस कार्य को किया जा सके और सही मात्रा में पानी को बचाया जा सके!
सब्जियों तथा फलों को धोने में उपयोग किए गए जल को फूलों तथा सजावटी पौधों के गमलों को सींचने में किया जा सकता है !
पानी की बोतल में अंततः बचे हुए जल को फेंके नही बल्कि इसका पौधों को सींचने में उपयोग करें!

तालाबों, नदियों अथवा समुद्र में कूड़ा न फेंकें! कूड़े को सिर्फ कूड़ेदान में ही फेंके जिससे आपका और सभी सजीव जीवो लाभ मिलेगा !

मुख्य अतिथि श्री मनोज सिंह (आईएएस) अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन ने कहा : हमारा आज हमारा कल सुरक्षित करेगा इसलिए आज और अभी से हमें जल के लिए उसके संरक्षण के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना होगा छोटी-छोटी गलतियों को सुधार कर भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं और इसके लिए जागरूकता बेहद जरूरी है नुक्कड़ नाटक एक आईना है जो हमें हमारे असली चेहरे को दिखाता है।

नुक्कड़ नाटक की सराहना करते हुए प्रभागीय निर्देशक सामाजिक वानकी वन प्रभाग, महावीर कौजलगी ने कहा “जल संरक्षण के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है ऐसे में नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम आम जनमानस को जल संरक्षण के लिए जरूर प्रेरित करेगा”

इस दौरान वन विभाग, नमामि गंगे भारतीय वन्यजीव संस्थान के समस्त अधिकारी मौजूद रहे।

कलाकारों में मो करीम , रोशनी, अभिनंदन कुशवाहा, पिंटू प्रयाग, शिव कुमार, नीतीश कुशवाहा त्यादि रहे।

संचालन : आलोक पाण्डेय ने किया। संयोजन नमामि गंगे जिला परियोजना अधिकारी एशा सिंह ने किया।


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