अचानक बदलीं कटरा रामलीला की सीता,काजल बोलीं रामलीला में कला की कद्र नही

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विवेक रंजन सिंह ।

कटरा रामलीला का मंचन शुरू हो चुका है। कल के प्रसंग में सीता का मंच पर आगमन भी हो गया पर सीता का किरदार जिस कलाकार को मिला था वह मंच पर नही। काजल मौर्या को सीता के लिए चयन किया गया था,पर मंच पर सीता के किरदार में प्रज्ञा केसरवानी दिख रही हैं। मामला समझा गया तो पता चला कि सीता के किरदार को जो पहले निभा रही थीं उनको बाहर कर दिया गया। इसकी वजह कुछ आपसी मनमुटाव बताया जा रहा है।

सम्पूर्ण माया के पत्रकार विवेक रंजन से बात करते हुए काजल मौर्या ने अपनी आप बीती बताई। बतौर काजल यह अफवाह फैलाई गई कि मैं बीमार थी,मुझे टायफायड हुआ।मैं बिल्कुल ठीक थी। मुझे निर्देशक सुबोध सिंह ने कई बार मंच पर अनैतिक व अभद्र व्यवहार करते हुए डांटा। मैं मानती हूँ कि वो हमारे गुरु हैं डांट फटकार सकते हैं परंतु उनका व्यवहार कुछ अटपटा सा लगा। उनके साथ राम का किरदार कर रहे ऋषभ गुप्ता ने भी मेरे से बत्तमीजी से बात की। मैं दो तीन दिन तक सहती रही उसके बाद मैंने जब पलटकर उत्तर दिया तो मुझे बाहर कर दिया गया। मैं ग्रामीण परिवेश की एक सीधी साधी कलाकार हूँ।मेरे आत्मसम्मान को चोट लगी तो मैं खुद वहां जाना मुनासिब नही समझी।

इस विषय पर जब सुबोध सिंह व राम का किरदार कर रहे ऋषभ गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने काजल द्वारा लगाए सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया और चरित्र पर उंगली उठा दी। बतौर सुबोध सिंह – आज तक किसी लड़की ने यहां ऐसे आरोप नही लगाए हैं। तीस सालों से इस क्षेत्र में हूँ हज़ारों कलाकारों को बनाया हूँ। जहां तक बात काजल की है तो उनसे हमने आने को भी कहा पर वो नही मानी। अंततः हमे उर्मिला का किरदार कर रही प्रज्ञा केसरवानी को सीता बनाना पड़ा।

रामायण में तो यह घटना पढा ही होगा आपने कि चरित्र को पाक-पवित्र साबित करने के लिए राम ने सीता की अग्नि परीक्षा ली,पर यहां रामलीला में तो एक दूसरे के चरित्र पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

काजल का कहना है कि मैं यह बात खुलकर बोल रही हूँ। मेरे साथ अभद्रता की गई और विरोध करने का नतीजा ये हुआ कि मुझे रामलीला से निकाल दिया गया व सबके समक्ष कटु वचन कहे गए। यहां कला व कलाकार का कोई अपना आत्मसम्मान नही जो इस बात को खुलकर कहे। मैं खुलकर कह रही हूँ।

देश भर में रामलीलाएं चल रही हैं, आदर्श के पाठ रामलीला के माध्यम से लोगों को सुनाए जा रहे हैं। ऐसे में इस तरह के प्रकरण चिंताजनक हैं।

सम्पूर्ण माया की ओर से जब अन्य कलाकारों से बात की गई तो ज्यादातर कलाकारों ने काजल मौर्या के व्यवहार की तारीफ़ की। काजल ने सिर्फ़ निर्देशक सुबोध सिंह व ऋषभ पर आरोप लगाए हैं और इन दोनों का कहना है कि बातें उठेंगी तो बहुत दूर तक जाएंगी। लोग अपने चरित्र को नही देखते,दूसरे पर उंगली उठा देते हैं।

मामला कुल मिलाकर चरित्र बनाम चरित्र हो गया है। अब देखना ये है कि एक दूसरे के चरित्र पर उंगली उठाने वाले राम के चरित्र की जो रामलीला जन जन तक पहुंचाने में लगे हैं,कितना हद तक सफल हो पाते हैं।


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