दुर्गा पूजा और राम लीला के आयोजन के सहमति के लिए “सिंगल विंडो” कि मांग
जयति भातचर्या ।
प्रयागराज। कोविद 19 के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने SOP जारी किया है जिसमें यह बात उल्लेख किया गया है कि दुर्गा पूजा और रामलीला के मंचन के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी, इस प्रकार का फरमान संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 उलंघन है, उक्त अनुच्छेदों में इस बात का उल्लेख नहीं है धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन के अनुमती जरूरी है, यह जानकारी बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन के जनहित याचिका के अधिवक्ता श्री विजय चन्द्र श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा ने प्रेस को दिया।
संस्था के सचिव पी.के. राय और इलाहाबाद दुर्गा पूजा समिति के मंडल सचिव और हाई कोर्ट के अधिवक्ता श्री उत्तम कुमार बनर्जी ने कहा कि दुर्गा पूजा के आयोजकों को प्रशासन से अनुमति प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों का चक्कर लगाने पड़ते है जिस कारण अनर्गल रूप से समय व्यतीत हो जाता है।
इस प्रकार के हलाकान से बचने के जिलाधिकारी को चाहिए कि किसी मजिस्ट्रेट को सिंगल विंडो के तहत नियुक्त करके जल्द अनुमति कार्य को पूरा किया जाना चाहिए। दोनों संस्थानों ने आगे कहा कि प्रत्येक थानो में त्योहार रजिस्टर है, जिलाधिकारी महोदय चाहे तो आयोजकों को अनुमति पत्र थाने से निर्गत किया जा सकता है।