शुआट्स वैज्ञानिकों ने दी कृषकों को सलाह

Share:

नैनी, प्रयागराज। सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवान्तर्गत भारत सरकार से शुक्रवार को प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि गेहूँ में बलुअर दोमट भूमि में नाइट्रोजन की शेष एक तिहाई मात्रा अर्थात 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेंसिग कर दें। शीतकालीन मक्का खेत में दूसरी निराई-गुड़ाई, बोआई के 40-50 दिन बाद करके खरपतवार निकाल दें। शीतकालीन मक्का नाइट्रोजन की 40 किग्रा मात्रा (88 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेंसिग जीरा निकलने के पूर्व  करें। उर्वरक प्रयोग के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। भारी मृदा में प्रति हेक्टयर 60 किग्रा नाइट्रोजन (132 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेसिंग के बाद और बलुई दोमट भूमि में 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेंसिग पर और 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) की दूसरी टाप ड्रेंसिग के बाद कर दें। चना के फसल में झुलसा रोग की रोकथाम के लिए प्रति हेक्टयर 2.0 किग्रा जिंक मैग्नीज कार्बामेट को 800 लीटर पानी में घोलकर फूल आने से पूर्व व 10 दिन के अन्तराल पर दूसरा छिड़काव करें। पिछले माह रोपी गई टमाटर की उन्नत किस्मों में प्रति हेक्टयर 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) व संकर/असीमित बढ़वार वाली किस्मों के लिए 55-60 किग्रा नाइट्रोजन (120-130 किग्रा यूरिया) की प्रथम टाप ड्रेसिग रोपाई के 20-25 दिन बाद करें। लहसुन में नाइट्रोजन की दूसरी व अन्तिम टाप ड्रेसिग बोआई के 60 दिन बाद प्रति हेक्टयर 74 किग्रा यूरिया की दर से करनी चाहिए। पशुशाला में बिछाली को सूखा रखें।


Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *