भारत के कुछ राज्यों की महाशिवरात्रि

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भारत के विभिन्न राज्यों में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। कुछ लोग इसे समुद्र मंथन से जोड़ते हैं वहीं ज्यादातर सुहागिनें इसे शिव पार्वती के मिलन अर्थात विवाह का दिन मानते हैं। इस दिन व्रत रखने की परम्परा है। भगवान शिव की पूजा की जाती है। एक बात हर स्थान पर होती है, शिवलिंग को दूध से स्नान कराया जाता है। आईए देखें विभिन्न राज्यों की शिवरात्रि कैसी होती है।

मध्य प्रदेश- मध्य प्रदेश में शिवरात्रि का त्यौहार बहुत धूम धाम के साथ मनाया जाता है। खजूराहो के शिव सागर में स्नान करने की एक बहुत पुरानी परम्परा आज भी चली आ रही है। शिव सागर के निकट ही एक भव्य शिव मंदिर है, जहां लोग भगवान शिव के दर्शन करते हैं। बुंदेलखंड क्ष्ीेत्र में, मतंगेश्वर मंदिर में महादेव के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

पश्चिम बंगाल – यहां भोले के भक्त पूरा दिन व्रत रखते हैं। यहां एक विशेष रस्म का पालन होता है। जिन घरों में महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है उन घरों के प्रत्येक सदस्य गंगा नदी से बालू लाकर उसकी सहायता से चार शिवलिंग का निर्माण करते हैं। दिन के अलग अलग समय पर एक एक शिवलिंग की पूजा होती है। पहले शिवलिंग को दूध से नहलाया जाता है। दूसरे को दही से, तीसरे को घी से और चैथे को शहद से। अगले दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करने के बाद अपना व्रत तोड़ते हैं।

जम्मू काश्मीर – जम्मू काश्मीर में महाशिवरात्रि का त्यौहार २१ दिनों तक मनाया जाता है। देवी पार्वती और भगवान शिव के नाम पर दो सांकेतिक घड़ों में जल एवं एक प्रकार का अखरोट भरा जाता है। तीसरे दिन उन अखरोटों को निकालकर लोगों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। महाशिवरात्रि के आखिरी दिन परिवार के लोग एक दूसरे को तोहफे देते हैं।

कर्नाटक – कर्नाटक के दक्षिणी क्षेत्र में शिवरात्रि का त्यौहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर श्री सिद्धलिंगप्पा का विशाल मेला लगता है। कई पड़ोसी राज्यों से ढोल बजाने वाले बुलाए जाते हैं। भगवान शिव को पालकी में नदी तक ले जाया जाता है और यह ढोल बजाने वाले ढोल बजाते हुए साथ चलते हैं। उसके पश्चात भोलेनाथ की पूजा होती है। शिवा पंथी लिंगायत शिवलिंग की पूजा करते हैं। प्रथा के अनुसार सुहागिनें अपने शरीर पर सोने या चांदी के बने लिंग धारण करते हैं।

हिमाचल प्रदेश – हिमाचल प्रदेश के मंडी में सबसे भव्य शिवरात्रि होती है। मंडी में भूतनाथ का मंदिर स्थित है। वहां एक भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है जिसका उद्घाटन राज्य के मुख्य मंत्री स्वंय करते हैं और शोभा यात्रा का संचालान राज्यपाल करते हैं। इस परंपरा की शुरूआत करीब ५॰॰ साल पहले मंडी के शाही परिवार ने की थी। एक आठ दिवसीय मेला भी लगता है जिसमें अनेक भारतीय और विदेशी कलाकार भाग लेते हैं।

इन पांच राज्यों के अलावा महाशिवरात्रि भारत के हर प्रदेश में मनाई जाती है। आंध्र प्रदेश के कालाहष्टी के श्री कालाहष्टेश्वर मंदिर और श्रीसाइलम के भरमारम्भा मलिकार्जुनस्वामी मंदिर में राज्यों के सभी हिस्सों से भारी भीड़ उमड़ती है।
असम में महाशिवरात्रि का पर्व मुख्य रूप से गुवाहाटी के ब्रह्यमपुत्र नदी पर स्थित पीकाॅक द्वीप पर उमानंदा मंदिर में मनाई जाती है। यहां शिवरात्रि शिवसागर के मौके पर सम्पूर्ण भारत से शिव भक्त आते हैं।

ओडिशा में भी महाशिवरात्रि का त्यौहार बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। यहां के लिंगराज मंदिर व हटकेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि की धूम देखते ही बनती है। इसके अलावा महेंद्रगिरी, गुप्तेश्वर, कपिला, भुवनेश्वर एवं खिचिंग के शिव मंदिरों में पूरे राज्य से भारी भीड़ आती है। पुरी के लोकनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता हैं। एक मान्यता के अनुसार पुरी पुराने समय में शिव पूजा का केंद्र बिंदु था। लोकनाथ मंदिर में स्वंय श्री रामचन्द्र ने शिवलिंग रखा था। आज इस शिवलिंग को कुंड में डुबोकर रखा जाता है। शिवरात्रि के पहले पंकोधर एकादशी के दिन कुंड का पानी निकाला जाता है। इसका दर्शन करने के लिए भक्तो की भारी भीड़ उमड़ती है।


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