ब्रेकिंग न्यूज़ प्रयागराज:शिक्षक भर्ती गैंग का भंडाफोड़ सरगना गिरफ्तारसौरभ सिंह सोमवंशी

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प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों पर होने वाली भर्ती में गोलमाल करने वाले एक बड़े गिरोह का प्रयागराज की पुलिस ने खुलासा किया है। सोरांव थाना क्षेत्र की पुलिस ने शिक्षक बनाने का ठेका लेने वाले ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। पुलिस अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार कर ₹750000, दो कार, फर्जी नियुक्ति पत्र समेत कई दस्तावेज बरामद कर चुकी है। मामले में कई अन्य लोगों की तलाश भी की जा रही है। गिरफ्तार लोगों में स्कूल प्रबंधक और ग्राम प्रधान भी शामिल हैं।सोरांव थाना क्षेत्र की पुलिस ने गैंग के सरगना स्कूल प्रबंधक केएल पटेल, प्रधान श्रवण दुबे, उसके भाई रूद्रपति व शशि प्रकाश सरोज, हरीकृष्ण सरोज, कमल पटेल, रंजीत और आलोक उर्फ धर्मेंद्र सरोज को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से नगदी, कार समेत कृषि विभाग का नियुक्ति पद कई अभ्यर्थियों की मार्कशीट और दूसरे दस्तावेज बरामद हुए हैं। प्रधान का भाई मायावती समेत कई आरोपी अभी फरार बताए गए हैं।पुलिस के अनुसार प्रतापगढ़ के लालगंज थाना क्षेत्र के बहुचरा निवासी राहुल सिंह B.Ed करने के बाद शिक्षक बनने की तैयारी कर रहा था। उसका आरोप है कि फरवरी 2020 में रूद्रपति दुबे समेत अन्य लोग मिले। सभी ने झांसा दिया कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में अच्छा जुगाड़ है। अगर ₹850000 दो तो नियुक्त करा देंगे। राहुल ने 26 मई को सोरांव में अभियुक्तों को 7:30 लाख रुपए दिए।रूद्रपति के साथियों ने राहुल से शैक्षणिक दस्तावेज भी ले लिया और कहा कि 20 और लोग हैं जिनकी नियुक्ति करानी है। 1 जून को रिजल्ट आया तो राहुल का नाम गायब था। धोखाधड़ी का शिकार हुए राहुल ने पैसा लेने वालों की तलाश शुरू की। इसी दौरान गिरोह के बारे में पता चला।

गिरफ्तार किये गए केएल पटेल (पूर्व जिला पंचायत सदस्य)

शिकायत मिलने के बाद एएसपी सोरांव केवी अशोक ने गैंग की गिरफ्तारी के लिए मुखबिरी का जाल बिछाया। गुरुवार को पता चला कि सहायक शिक्षक भर्ती में काउंसलिंग रद्द होने के कारण गिरोह के सदस्य फाफामऊ इलाके में मौजूद हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर सभी को पकड़ लिया। फिर भदोही में छापा मारकर ग्राम प्रधान को भी दबोच लिया गया।सरकारी मुलाजिमों के भी शामिल होने का है अंदेशापुलिस का दावा है कि गिरोह के लोग परीक्षा पास कराने से लेकर काउंसलिंग व नियुक्ति कराने तक का ठेका लेते थे। अलग अलग विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके खेल कर रहे थे, इसकी जांच की जा रही है।पूछताछ में पता चला है कि अभियुक्तों ने यूपी टेट परीक्षा पास कराने के लिए बलवंत नामक छात्र से भी ₹800000 लिए थे। पैसा देने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले ही उत्तर कुंजी उपलब्ध करा देते थे।गिरोह के सदस्य यूपीटीईटी और सुपर टेट परीक्षा में भी यह खेल कर रहे थे। आशंका है कि ठगों के इस गिरोह में कई विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं। गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में इसके पहले भी कई मामले खुल चुके हैं। परीक्षा परिणाम आने के बाद इसे लेकर हंगामा भी हो चुका है। इसलिए पुलिस शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था के कर्मचारियों पर भी निगाह लगा रखी है।मामले में प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा है कि पेपर लीक करने और परीक्षा में पास कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। सोरांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कर 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गैंग से जुड़े बाकी सदस्यों की भी तलाश जारी है।
  पुलिस को एक डायरी भी हाथ लगी है जिसमें सपा सरकार में इसके द्वारा कराई गई सैकड़ों लोगों की नियुक्ति का ब्योरा, नाम ,पता व लिए गए पैसे का उल्लेख है। बताते हैं की इसके द्वारा सपा सरकार में कई लोगों को पेपर आउट कराके नौकरी भी दिलाई जा चुकी है।
योगी सरकार में भी ये गैंग 69000 भर्ती में कई छात्रों का पैसा लिया मगर इसमें सफलता हाथ नहीं लगी।

सौरभ सिंह सोमवंशी (पत्रकार)


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