सत्ता नहीं राष्ट्र ध्येय है–आचार्य भारतभूषण

Share:

अतुल श्रीवास्तव ।
जनसंघ के सत्तरवें स्थापना दिवस के अवसर पर फ्रेण्ड्स कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने कहा कि सत्ता पाँच वर्षों के लिए जबकि राष्ट्र लाखों वर्षों का है। राष्ट्र की रक्षा और प्रबंधन संवर्धन राजनीति का दायित्व है न कि सत्ता-सुविधा के लिए समाज का विघटन। उन्होंने कहा कि संस्कार परिवर्तन के बिना सरकार परिवर्तन बेकार है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रदेश की मंत्री इमरती देवी पर की गई टिप्पणी की भर्त्सना करते हुए आचार्य भारतभूषण ने कहा कि राजनीति के गिरते स्तर के कारण आज दुष्कर्म, अपराध और भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है। जनसंघ को विशिष्ट चरित्र चिंतन का दल बताते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र के लिए सब कुछ न्योछावर करने वाले डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय, प्रो. बलराज मधोक जैसे सिद्धांतनिष्ठ और दूरदर्शी महापुरुषों की प्रेरणा से यह भविष्य में आत्मनिर्भर भारत का सशक्त मंच होगा। उन्होंने संगठनशक्ति, समाजशक्ति और विचारशक्ति को महत्वपूर्ण बताते हुए जातीय समीकरणों से चुनावी जीत हासिल करनेवालों से समाज को सावधान किया। जनसंघ अध्यक्ष ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं के हो रहे उत्पीड़न तथा बलात् धर्मांतरण पर क्षोभ एवं आक्रोश व्यक्त किया। यह कार्यक्रम फेसबुक पर लाइव रहा। कार्यक्रम में अखिलेश्वर नाथ तिवारी, कुमार सौरभ, विकास कुमार व्याहुत, उमेश सिंह कुशवाहा, सत्येन्द्र नारायण सिंह, विश्वनाथ दूबे, मदनमोहन सिंह, सियाराम दूबे, सुरेन्द्र मिश्र आदि प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।


Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *