सरायइनायत के पूर्व एसएचओ संजय द्विवेदी पर लगे आरोप से पुलिस की धूमिल होती छवि
सौरभ सिंह सोमवंशी
प्रयागराज
प्रयागराज के सराय इनायत थाना अंतर्गत 4 अप्रैल को एक व्यक्ति राम मूरत यादव धरौली ग्राम सभा से जो बहादुरपुर ब्लाक के अंतर्गत आता है ग्राम सभा प्रधान प्रत्याशी के लिए पर्चा दाखिल करने जाता है भारी फोर्स तैनात होने के बावजूद एक व्यक्ति उसका पर्चा लेकर भाग जाता है और मौके पर मुस्तैद पुलिस मूक दर्शक बनकर देखती रहती है बाद में मामले में लापरवाही के आरोप में सराय इनायत थाने के थाना अध्यक्ष संजय द्विवेदी को लाइन हाजिर किया जाता है और बाद में दूसरे दिन उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। बाद में पता चलता है कि समाजवादी पार्टी के एक पूर्व विधायक की माता को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाने के लिए यह एक साजिश थी जिसके तहत एक अनजान व्यक्ति पुलिस फोर्स होने के बावजूद राम मूरत यादव का पर्चा लेकर भाग जाता है और पुलिस देखती रहती है हालांकि लोग दबे मन से यह भी कह रहे हैं कि कुछ और उम्मीदवार थे जो पूर्व विधायक की माताजी के खिलाफ नामांकन करना चाहते थे परंतु उनको थाना अध्यक्ष संजय द्विवेदी के द्वारा एक मामले में जेल भेज दिया गया है। शायद उच्च अधिकारियों को यह बातें पता चल गई तभी थाना अध्यक्ष संजय द्विवेदी को पुलिस लाइन के लिए पहले तो विदा किया गया और बाद में उन को निलंबित कर दिया गया आइए बताते हैं कि संजय द्विवेदी का सराय इनायत थाने का कार्यकाल कितना मजेदार रहा है और रुचिकर भी।
घटना नंबर 1
दिनांक 14 जनवरी 2021 को सराय इनायत थाने से एक वीडियो वायरल होता है जिसमें राजेश सिंह नाम का एक हेड कांस्टेबल रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहा है वीडियो देखने पर स्पष्ट रूप से यह प्रदर्शित हो रहा है कि मामला रिश्वत के लेनदन का है परंतु संजय द्विवेदी के अनुसार कांस्टेबल राजेश सिंह चाय के पैसे दिया था और दुकानदार उसे फुटकर पैसे वापस कर रहा है मामले को भ्रष्टाचार का मामला ना मानकर इतना आसान बना दिया गया कि मामला दब गया और स्थिति यह है कि आज भी हेड कांस्टेबल राजेश सिंह सराय इनायत थाने में तैनात है।
घटना नंबर 2
दिनांक 15 सितंबर 2020 को एक वीडियो वायरल होता है जिसमें सराय इनायत थाने का हेड कांस्टेबल केएन राय हवालात में बंद एक मुजरिम से हाथ पैर दबवाते हुए दिख रहा है यह वीडियो वायरल होने पर कार्यवाही करने के बजाए थानाध्यक्ष संजय द्विवेदी के द्वारा कहा गया कि हेड कांस्टेबल रात में लड़खड़ा कर गिर गया थे जिसके लिए नाई के द्वारा उनकी मालिश की जा रही थी परंतु यह विचारणीय प्रश्न है कि रात में क्या कोई नई मसाज करने के लिए थाने जाएगा ।
घटना नंबर 3
सराय इनायत थाने में ही तैनात महिला कांस्टेबल प्रियंका यादव ने हेड कांस्टेबल केएन राय के ऊपर बदतमीजी का आरोप लगाया परंतु इस मामले में भी तत्कालीन थाना अध्यक्ष सराय इनायत संजय द्विवेदी के द्वारा लीपापोती की गई और मामले को दबा दिया गया बाद में प्रियंका यादव भी चुप हो गई।
घटना नंबर 4
तीसरी घटना ऐसी घटना है जिसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक से की गई और इसी घटना पर बार-बार प्रश्न पूछने पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य की जुबान लड़खड़ा गई और उन्होंने पत्रकारों को पत्रकारिता छोड़कर नेतागिरी करने की नसीहत तक दे डाली थी मामला प्रयागराज से लखनऊ तक गया परंतु कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ मामला ये था की 17 जुलाई 2020 को सरायइनायत थाने में एक महिला सरिता विश्वकर्मा अपने पत्रकार पति अजय विश्वकर्मा और इरफान पत्रकार के साथ अपने सगे मामा रविशंकर विश्वकर्मा के खिलाफ शिकायत करने सराय इनायत थाने जाती है परंतु कार्यवाही करने के बजाय थाना अध्यक्ष संजय द्ववेदी ,आकाश कुमार राय और कौशलेंद्र द्विवेदी के द्वारा महिला,उसके पत्रकार पति और उसके साथी पत्रकार इरफान की थाने में बंद करके पिटाई की जाती है, पीड़ितों के आरोप है कि पूरा का पूरा थाना पीड़िता सरिता विश्वकर्मा के मामा के प्रभाव में था जो पत्रकार और उसकी पत्नी की पिटाई से पूरी तरह से स्पष्ट हो गया मामले की शिकायत तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित, प्रयागराज परिक्षेत्र के महानिरीक्षक कवींद्र प्रताप सिंह एडीजी प्रेम प्रकाश से की गई। परंतु परिणाम शून्य रहा। मामले की शिकायत जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई तो उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के माध्यम से प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को जांच हेतु निर्देशित किया गया परंतु मामला पुलिस विभाग से जुड़ा हुआ था और आरोप एक थाना अध्यक्ष और कुछ अन्य पुलिसकर्मियों पर था लिहाजा मामले में क्षेत्राधिकारी फूलपुर के ऊपर भी जांच में लीपापोती का आरोप पीड़ित के द्वारा लगाया गया क्योंकि थाने में बैरक में बुलाने की आवश्यकता, थाना के अंतर्गत लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच, पीड़ित पत्रकारों के मेडिकल की रिपोर्ट आदि को ध्यान में रखते हुए जांच नहीं की गई इसके अलावा पीड़ित पत्रकारों की तरफ से किसी का बयान भी दर्ज नहीं किया गया,न ही इस मामले की जांच की गई कि मारपीट के दौरान सरिता विश्वकर्मा का दूसरा मामा शनिशंकर विश्वकर्मा थाने में बैठकर क्या कर रहा था?
मामले में संजय द्विवेदी के ऊपर बड़ा खेल करने का आरोप
उपरोक्त घटना के बाद थाना अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने हद ही कर दी अजय विश्वकर्मा की पत्नी सरिता विश्वकर्मा
के मायके के वालों की तरफ से एक अगस्त 2020 को सराय इनायत थाने में एक मुकदमा 0379 दर्ज किया। जिसमें 4/3 दहेज अधिनियम व 354 क,506 और 323 की धारा में अजय विश्वकर्मा की साली पूनम विश्वकर्मा की तरफ से एक एफ आई आर दर्ज करवाया गया एफ आई आर सिर्फ और सिर्फ अजय विश्वकर्मा के ऊपर दबाव बनाने के लिए और पुलिस कर्मियों के खिलाफ अजय विश्वकर्मा के द्वारा की जा रही पैरवी को रोकने के लिए किया गया मामले में संजय द्विवेदी के द्वारा चार्ज शीट क्षेत्राधिकारी फूलपुर को भेज दी गई है।
जबकि इस मामले में दहेज का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है क्योंकि अजय विश्वकर्मा की पत्नी सरिता विश्वकर्मा राजी खुशी से अपने ससुराल में रह रही है और ऐसा प्रार्थना पत्र उसने 23 मार्च 2021 को प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिया है जबकि संजय द्विवेदी ने दहेज के मामलों में चार्ज सीट भेज कर अपने ऊपर ही नहीं बल्कि पूरे के पूरे पुलिस विभाग के ऊपर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। इसके अलावा सरिता विश्वकर्मा ने बताया है कि वह और उसके पति कभी भी उसके मायके नहीं गए हैं तब यह स्पष्ट होता है कि अजय विश्वकर्मा जब सरिता विश्वकर्मा के मायके यानी अपने ससुराल गए ही नहीं तब छेड़खानी का कोई प्रश्न ही नहीं है परंतु सराय इनायत थाने की पुलिस या यूं कहा जाए कि थाना अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने मामले में पूरी तरह से अपनी रुचि दिखाते हुए दबाव बनाने के लिए मामले को इतना बड़ा बना दिया।
प्रयागराज में इस तरह के केवल एक मामले नहीं तमाम मामले देखे जा सकते हैं और जनपद में संजय द्विवेदी की तरह से आम जनता का शोषण करने वाले थानाध्यक्षों की कमी नहीं है पुलिस जनता की रक्षक होती है परंतु वही पुलिस पैसे के लालच में कभी-कभी अपने स्तर को इतना नीचे गिरा देती है यह सराय इनायत के पूर्व थाना अध्यक्ष संजय द्विवेदी के कर्मों को देखकर समझा जा सकता है।
हालांकि अब संजय द्विवेदी के कार्यकाल में किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी और देखा जाएगा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कितने लोगों के साथ न्याय किया और कितने के साथ अन्याय?