सागर के पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कई दिनों से सुबहे से देर रात तक हर प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन व राशन प्रदान करने का पुनीत कार्य कर रहे है
सागर। लॉक डाउन के दौरान बसों, वाहनों और पैदल अपने घरों की ओर निकले प्रवासी मजदूरों और उनके परिजनों के लिए विभिन्न सामाजिक संगठन, एनजीओ एवं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव भी जनता की हर संभव मदद के लिए कार्य में जुटे हुए हैं। श्री भार्गव अपने गृह नगर सागर जिले के गढ़ाकोटा में पिछले 10 दिनों से लंगर चलाकर प्रवासी मजदूरों को भोजन करवा रहे है। सुबह से देर रात चलने वाले इस लंगर में प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग पकवान परोसे जा रहे हैं। पिछले 10 दिनों से चल रहे इस लंगर का मीनू भार्गव खुद तय करते हुए खुद रोजाना व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे है । नेता प्रतिपक्ष प्रवासी मजदूरों के साथ भोजन भी कर रहे है। लॉक डाउन में अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य की ओर निकल रहे हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश से आसपास के कई राज्यों के मजदूर बड़ी संख्या में आवागमन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सरकार कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा के आव्हान पर भारतीय जनता पार्टी के नेतागण भी राहत कैंप, भोजन, पानी वितरण के सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने श्रमिकों के भोजन व्यवस्था का बीड़ा उठाया है। श्री भार्गव भोपाल स्थित निवास से गरीबों को अन्न वितरित भी कर रहे हैं। वही गृह नगर गढ़ाकोटा सागर में लंगर चलाकर सेवा कर रहे है। श्री भार्गव के पुत्र श्री अभिषेक भार्गव ने राशन सामग्री के साथ, होममेड मास्क और सेनेटाइजर का वितरण विधानसभा में कर रहे है।
श्रमिकों को लंगर में मिल रहा हलवा पूरी
घर लौट रहे श्रमिकों के लिए चलाये जा रहे इस लंगर में गरम पूरी, तीन प्रकार की सब्जी, तली हुई मिर्च, आम का अचार, लौकी का हलवा परोसा जा रहा है। इसके अलावा बिस्कुट, अमूल का दूध, आइसक्रीम, फ्रूटी, ओआरएस घोल, छाछ-मट्ठा, अदरक-तुलसी की चाय, बच्चों के लिए कुरकुरे, चिप्स, नमकीन, टॉफी, तरबूज, खरबूज, अंगूर, केला और मिनरल वॉटर का भी इंतजाम है।
आधा दर्जन से अधिक राज्यों के प्रवासी श्रमिक कर रहे भोजन
पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने बताया कि कोरोना संकटकाल में लॉकडाउन के बाद जो श्रमिक अपने घरों की ओर वापस लौट रहे हैं उनमें बुंदेलखंड के रहने वाले श्रमिक शामिल तो हैं, लेकिन मध्य प्रदेश भारत का ह्रदय प्रदेश में आसपास के कई राज्यों से दूसरे राज्य में जाने के लिए मध्यप्रदेश में से होकर ही गुजरना पड़ता है। दृष्टि से मध्यप्रदेश में आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या अधिक है। उनका कहना है कि “हम भारतीय संस्कृति और अतिथि देवो भव को मानने वाले लोग हैं। अंत्योदय हमारी विचारधारा में शामिल है। इस दृष्टि से समाज के शोषित, पीड़ित और जरूरतमंद लोगों को भोजन, पानी और जरूरत का सामान उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता और धर्म है”। उन्होंने कहा कि “सेवा भाव के साथ ही यह लंगर चलाया जा रहा है। अब तक पूर्वी भारत के छह से अधिक राज्यों के तीन लाख मजदूरों को इस लंगर में खाना खिलाया जा चुका है। सेवा का यह क्रम अभी भी निरन्तर चालू है”। उन्होंने कहा कि “इसमें क्षेत्र के गणमान्यजनों का पूर्ण सहयोग है”।
देवदत्त दुबे :ब्यूरो प्रमुख