कथित रोहिंग्या की गूँज छत्तीसगढ़ तक

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शिव नारायण त्रिपाठी ।

अंबिकापुर। कभी पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक गूंजने वाले रोहिंग्या मामले की गूँज अब छत्तीसगढ़ में भी सुनाई देने लगी है। हुआ यूं कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम में कांग्रेसी पार्षद द्वारा कुछ लोगों की जाति प्रमाण पत्र के लिए प्रस्ताव लाया गया था जिसका एक भाजपा पार्षद ने यह कहकर विरोध किया कि इनमें से कुछ संदिग्ध हैं उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है।
नगर निगम अंबिकापुर की सामान्य सभा की बैठक गुरुवार को आयोजित की गई थी जिसमें एक कांग्रेसी पार्षद द्वारा 17 लोगों की जाति प्रमाण पत्र के लिए प्रस्ताव लाया गया। उस प्रस्ताव का भाजपा नेता पार्षद आलोक दुबे ने यह कहकर विरोध किया कि इनमें से 14 लोग जुलाहा हैं। जिनके पास कोई भी वैध दस्तावेज नहीं है। कथित रोहिंग्या का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पहले इन सब की जांच कराई जाए और तब तक के लिए इस प्रस्ताव को विचाराधीन रखा जाए। पार्षद आलोक दुबे के इस आरोप का अन्य भाजपा पार्षदों ने भी समर्थन करते हुए आपत्ति दर्ज कराई। वहीं पार्षद आलोक दुबे ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के कारण अवैध रूप से आए इन लोगों को जाति एवं निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम की सत्ता का दुरुपयोग बहुमत के दम पर कर रहे हैं।
वहीं इस पूरे मामले में नगर निगम अंबिकापुर के महापौर डॉ अजय तिर्की का कहना है कि जाति प्रमाण पत्र राजस्व विभाग द्वारा जारी किया जाता है। हमारे यहां से तो केवल प्रस्तुत आवेदन के साथ संबंधित दस्तावेजों की जांच कर सही पाए जाने पर आगे भेज दिया जाता है। जो भी आवेदन आए थे उसके साथ संलग्न दस्तावेज की जांच की गई थी और उसी आधार पर आगे की कार्यवाही की गई।


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