आखिरकार फेक न्यूज से फिर परेशान रतन टाटा को देनी पड़ी सफाई
नई दिल्ली, 03 मई (हि.स.)। कोविड-19 की महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच डिजिटल युग और सोशल मीडिया के बढ़ते वर्चस्व के साथ फेक न्यूज का भी बोलबाला लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि फेक न्यूज से कोई नहीं बच पाया है। इसका ताजा शिकार देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा एकबार फिर हो गए हैं। पिछले तीन हफ्ते में ये दूसरी घटना है जब उन्हें ट्वीट कर इस बारे में सफाई देनी पड़ी। उन्होंने रविवार को एक न्यूज पेपर कटिंग को ट्वीट किया और कहा कि मुझे अब डर लगने लगा है।
रतन टाटा ने अपने ट्वीट के जरिए दी गई सफाई में लिखा है कि जो कुछ इस पेपर कटिंग में कहा गया है वह मैंने नहीं कहा है। उन्होंने लिखा है कि मैं फर्जी खबरों को लगातार उजागर करने का प्रयास करूंगा। साथ में उन्होंने न्यूज सोर्स को वेरिफाई करने की भी अपील की। रतन टाटा ने आगे लिखा है कि यदि मेरी तस्वीर के साथ कुछ लिखा हुआ है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वह मैंने ही कहा है। यह समस्या कई लोगों के साथ हो रही है।इस पेपर कटिंग में ये लिखा गया है कि टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने व्यावसायिक पेशेवरों को एक संदेश जारी किया है। उनके हवाले से जारी इस संदेश में कहा गया है कि 2020 बस जीवित रहने के लिए है, इसलिए इस साल लाभ और नुकसान के बारे में नहीं सोचें। इसके साथ ही यह भी लिखा है कि सपने में किसी योजना के बारे में बात नहीं करें। इस वर्ष खुद को जीवित रखना ही एक बहुत बड़ा लाभ है।उल्लेखनीय है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह में भी रतन टाटा के हवाले से प्रकाशित खबर में कहा गया गया था कि कोरोना महामारी को लेकर विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इससे अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो जाएगी। लेकिन, मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि इन विशेषज्ञों को मानवीय प्रेरणा और जुनून के साथ किए गए प्रयासों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।